पॉक्सो कोर्ट में आए एक मामला से ये मालूम चलता है कि घर और आसपास के क्षेत्रों में भी हमारे बच्चे सुरक्षित नहीं है. मुंबई के पॉक्सो कोर्ट ने 38 वर्षीय एक शख्स को 13 साल की नाबालिग लड़की से यौन उत्पीड़न के जुर्म में 3 साल जेल की सजा सुनाई है. पड़ोसी शख्स ने वर्ष 2017 में बिल्डिंग की सीढ़ी पर लड़की का फोटो खींचते समय उसके कपड़े ठीक करने के बहाने उसके साथ छेड़छाड़ की थी. मामला 2019 में तब सामने आया जब नाबालिग लड़की ने इस घटना की चर्चा अपने दोस्तों से की. कोर्ट ने सजा सुनाते हुए कहा कि ये घटना लड़की के मानसिक स्वास्थ्य और भविष्य पर गहरा नकारात्मक प्रभाव डालेगी, जिसे वह कभी भूल नहीं सकती.
विशेष न्यायाधीश प्रिया बांकर ने कहा, ‘बच्चे के खिलाफ यौन अपराधों के मामलों में वृद्धि हुई है. बाल यौन शोषण के मामले अभियुक्तों की अमानवीय मानसिकता दिखती है. बच्चे अपनी कम उम्र, शारीरिक कमजोरियों और जीवन तथा समाज की अनुभवहीनता के कारण आसान शिकार होते हैं. घटना ऐसी जगह हुई है, जहां आम तौर पर लोग एक-दूसरे को बहुत अच्छी तरह से जानते हैं और सुरक्षित महसूस करते हैं. पीड़ित लड़की, उसके परिवार के सदस्यों और यहां तक कि समाज पर भी इस घटना का बहुत प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है.’ स्पेशल जज ने अभियुक्त पर 1000 रुपये की भी फाइन लगाया है.