ट्रेन में छूटा बच्चे का खिलौना, मासूम का दिल ने टूटे इसके लिए रेलवे ने उठाया यह कदम, पढ़ें पूरी कहानी
भारतीय रेलवे की आलोचना कोई नई बात नहीं है. निर्धारित समय पर ट्रेन चलने की बात हो या फिर चलती ट्रेन में खानपान सेवा की या अन्य सुविधाओं की, रेलवे को अक्सर खरी-खोटी सुननी पड़ती है. इस बार रेलवे ने ऐसा काम किया है, जिसकी हर तरफ तारीफ हो रही है. शायद रेलवे से जुड़ा यह अपने आप में पहला और अनोखा मामला है. एक दंपति अपने बच्चे के साथ ट्रेन से सफर कर रहे थे. वह अपने निर्धारित स्टेशन पर उतर गए और बच्चे का खिलौना उसी कोच में छूट गया. सहयात्री ने टीटीई को इस बारे में सूचित किया और बताया कि बच्चा इस खिलौने से रास्ते भर खेल रहा था. इसके बाद रेलवे की टीम खिलौने को बच्चे तक पहुंचाने की ठान ली.
भुसीन पटनायक नाम के एक यात्री ने रेलवे हेल्पलाइन नंबर 139 के माध्यम से सूचित किया कि ट्रेन नंबर 07030 (सिकंदराबाद-अगरतला स्पेशल ट्रेन) के कोच नंबर बी-2 और सीट नंबर-10,11 पर यात्रा कर रहे सहयात्री के बच्चे का खिलौना ट्रेन में छूट गया है. आम तौर पर रेल में छूटी हुई चीज़ों को अगले रेलवे स्टेशन पर खोया-पाया डेस्क पर जमा करवा दिया जाता है, लेकिन इस बार रेलवे ने ठान लिया था कि खिलौने को हर में बच्चे तक पहुंचाना है.
…और रेलवे की टीम पहुंची बच्चे के घर
बच्चे की उम्र महज 19 महीने थी। दंपत्ति की पहचान करना भी टेढी खीर साबित हो रहा था, लेकिन रेलवे ने आखिरकार इसका पता लगा ही लिया. टिकट सिकंदराबाद में रिजर्वेशन काउंटर से खरीदा गया था और रिज़र्वेशन के लिए भरी गई स्लिप की पहचान कर यात्री का कॉन्टेक्ट नंबर और दूसरी जानकारियां हासिल करने के लिए एक टीम गठित की गई. यात्रियों के नाम रिजर्वेशन चार्ट से कन्फर्म किए गए. इस यात्री की पहचान मोहित रज़ा और नसरीन बेगम के तौर पर की गई. स्लिप में उनका पता गांव- काज़ी, जिला-उत्तर दिनाजपुर के नाम से अंकित था. यह पता अलुआबारी स्टेशन से 20 किलोमीटर दूर था. रेलवे की टीम खिलौने को लेकर मोहित के घर पहुंच गई. मासूम बच्चे ने जैसे ही अपने खिलौने को देखा तो उसके खुशी का कोई ठिकाने नहीं रहा.
रेलवे ने उठाया पूरा खर्च
आमतौर पर रेलवे खोये हुए सामान को घर जाकर नहीं लौटाता है, लेकिन शायद पहली बार ऐसा हुआ कि रेलवे की टीम अपने पैसे खर्च कर ट्रेन में छूट गए खिलौने को बच्चे तक पहुंचाया. रेलवे के इस कदम की हर तरफ तारीफ हो रही है. बच्चे के पिता मोहित को भी यकीन नहीं हो रहा है कि रेलवे की टीम ने उनके बच्चे का खोया हुआ खिलौना वापस करने के लिए इतना प्रयास किया. रेलवे के इस कदम की चहुं ओर सराहना हो रही है.