बच्चे की मौत पर निजी अस्पताल के खिलाफ दिया धरना – चिकित्सक समेत स्टाफ पर मढ़े रूपये ऐंठने का आरोप – पुलिस ने आरोपी चिकित्सक पर दर्ज किया मुकदमा

फतेहपुर। निजी नर्सिंग होम के कारनामे किसी से छिपे नहीं है। मरीजों के तीमारदारों से रूपये तो ऐंठ लिये जाते हैं लेकिन मरीजों का बेहतर उपचार नहीं किया जाता। जिससे मरीज काल के गाल में समा जाता है। ऐसा ही एक मामला सोमवार को सामने आया। शहर के जेल रोड स्थित जेके चिल्ड्रेन हास्पिटल में भर्ती एक बच्चे की मौत हो गई लेकिन अस्पताल स्टाफ परिजनों से रूपये ऐंठता रहा। इतना ही नहीं विरोध करने पर स्टाफ ने मारपीट तक कर डाली। रूपये ऐंठकर बच्चे का शव परिजनों को सौंप दिया। आला अधिकारियों के निर्देश पर पुलिस ने आरोपी चिकित्सक के विरूद्ध मुकदमा दर्ज कर लिया है।
कलेक्ट्रेट परिसर के बाहर धरने पर बैठे मलवां थाना क्षेत्र के ग्राम कोराई निवासी अमरीश पुत्र राकेश कुमार दुबे ने बताया कि उसका पुत्र अस्वस्थ हो गया था। जिसे जेल रोड स्थित केके चिल्ड्रेन हास्पिटल में दिखाया गया। 20 दिसंबर 2022 को पुत्र को भर्ती कराया था। वहां के डाक्टर जेके उमराव ने पुत्र को भर्ती कर लिया था और इलाज यह कहकर करते रहे कि पैसा आप लगाइए और मैं सौ प्रतिशत बच्चे को ठीक कर दूंगा। इस प्रकार वह बेबस व लाचार होकर बच्चे का इलाज करवाता रहा। करीब 70-80 हजार रूपये डाक्टर ने दवा, खून, प्लेटलेट्स चढ़ाने आदि के नाम पर आनलाइन माध्यम से व नगद ले लिये। 08 जनवरी को जब वह किसी तरह बच्चे को देखने गया तो बच्चा एनआईसीयू में एकदम नीला पड़ा था। जब उसने इस बात की शिकायत स्टाफ व डाक्टर केके उमराव से किया तो उन्होने स्टाफ के जरिये डांटकर भगा दिया और बीस हजार रूपये ले लिया। 10 जनवरी को सुबह छह बजे अस्पताल से फोन आया कि बच्चे की मौत हो गई है। शव देने व अन्य चार्जों के लिए 10 हजार रूपये पुनः नकद ले लिया। बच्चे के इलाज के सारे कागजात जबरन अपने पास रख लिया। उसने डाक्टर पर बेईमानी व अपने पेशे व पद का दुरूपयोग करने का आरोप लगाया है। पीड़ित ने मांग उठाई कि बच्चे का पोस्टमार्टम पैनल से कराकर डाक्टर के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत किया जाये। जैसे ही इसकी जानकारी आला अधिकारियों को हुई तो तत्काल कोतवाली पुलिस को निर्देशित किया। पुलिस ने आरोपी चिकित्सक जेके उमराव पर धारा 419, 420, 279 व 304 ए के तहत मुकदमा दर्ज किया है।

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