ब्यूरो चीफ मुन्ना बक्श
बाँदा। जिले में अवैध खनन और ओवरलोड का बोलबाला तो ऐसे है मानो खदान संचालक स्वयं ही प्रदेश के सर्वेसर्वा है उनके ऊपर न ही कोई कानून लागू होता है और न ही कोई नियम तभी तो एनजीटी के सारे नियमों को ताक में रखकर अवैध खनन करने से बाज नहीं आते और लगातार समय समय पर जिसकी शिकायतें भी सामने आती रहती है जिस कारण जिले की तेजतर्रार जिलाधिकारी दीपा रंजन ने जब लहुरेटा क्षेत्र अंतर्गत संचालित तीन निजी भूमि बालू खदानों में जांच कराई तो अफसरों को तीन पट्टों में स्वीकृत क्षेत्र से बाहर मौरंग का अवैध खनन मिला जिससे राजस्व को करीब दो करोड़ बत्तीस लाख रुपये के राजस्व को चूना लगा है जिस पर खान अधिकारी अर्जुन कुमार ने तीनों पट्टा धारकों से मामले में स्पष्टीकरण मांगा है।
आपको बता दे पूरा मामला नरैनी क्षेत्र अंतर्गत लहुरेटा खदान का है जहां जिलाधिकारी दीपा रंजन के निर्देश पर मंगलवार देर शाम खान अधिकारी अर्जुन, एडीएम न्यायिक व एसडीएम नरैनी ने लहुरेटा में मौरंग खदानों का निरीक्षण किया। यहां लहुरेटा निवासी किसान मुनीर खां, कुसुमा और मोहन लाल को स्वीकृत कृषि पट्टा की जांच की। इसमें मुनीर खां के स्वीकृत पट्टा क्षेत्र में 5400 घन मीटर अतिरिक्त एरिया में अवैध खनन मिला जिसमें 48 लाख 60 हजार के राजस्व का नुकसान मिला।
कुसुमा के पट्टा क्षेत्र से 12,600 घन मीटर अतिरिक्त एरिया में अवैध खनन मिला। इसमें एक करोड़ चालीस लाख के राजस्व का नुकसान होना पाया गया। इसके अलावा मोहनलाल के पट्टा क्षेत्र से बाहर 2,660 घट मीटर अवैध खनन करने की पुष्टि हुई। इससे 23 लाख 94 हजार के राजस्व की क्षति होना पाया गया जिस पर खान अधिकारी अर्जुन कुमार ने तीनों पट्टा धारकों से मामले में स्पष्टीकरण मांगा है।