2 साल में दोगुनी हुई 1 जीबी डेटा की कीमत, नहीं बढ़ रहे इंटरनेट यूजर्स, 45% लोग स्मार्टफोन रखते हैं मगर इंटरनेट यूज नहीं करते

 

देश में पिछले 2 सालों में IT सेक्टर में आए बूम और टेक स्टार्ट-अप्स की बाढ़ से ऐसा लगता जरूर है कि जैसे पूरा देश मोबाइल पर ही चल रहा है। हालांकि, इसके अनुपात में अगर हम मोबाइल इंटरनेट यूजर्स की संख्या देखें तो तस्वीर अलग नजर आती है।

ट्राई हर महीने देश में इंटरनेट यूजर्स का डेटा जारी करता है। इसके मुताबिक अक्टूबर, 2021 में देश में कुल 77.30 करोड़ लोग मोबाइल इंटरनेट यूज कर रहे थे। अक्टूबर, 2022 में यह संख्या बढ़कर 78.91 करोड़ तक ही पहुंची है। यानी सिर्फ 2% की बढ़त हुई है।

ये आंकड़ा चिंताजनक इसलिए है क्योंकि 2014 से 2020 के बीच मोबाइल इंटरनेट यूजर्स की संख्या हर साल लगभग दोगुनी हो रही थी। मगर 2020 के बाद से इस पर ब्रेक सा लग गया है।

टेलीकॉम कंपनियां इसके लिए स्मार्टफोन्स के दामों आए उछाल को जिम्मेदार ठहराती हैं। लेकिन आंकड़ों को थोड़ा और खंगालें तो समझ में आता है इसकी असली वजह कुछ और जिस पर टेलीकॉम कंपनियां अभी ध्यान नहीं दिलाना चाहतीं।

आज भारत सस्ते इंटरनेट के मामले में पांचवें नंबर पर है, लेकिन सिर्फ 2 साल पहले दुनिया में सबसे सस्ता इंटरनेट भारत में ही था। 2020 से 2022 के बीच भारत में डेटा की कीमत लगभग दोगुनी हो गई है।

जानिए, कैसे इंटरनेट बेस्ड कंपनियों के लिए सबसे बड़ा बाजार माने जा रहे भारत में डेटा कीमतों की वजह से इंटरनेट यूजर्स ही घट सकते हैं।

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