शराब माफियाओं में शराब तस्करी की बात को लेकर झगड़ा हो गया, जिसमें तीन गाड़ियों सहित एक दुकान क्षतिग्रस्त हो गई। गनीमत यह रही कि इन दबंगों की लड़ाई की चपेट में कोई नहीं आया। वरना कोई बड़ी घटना हो सकती थी ग्रामीण तो फायरिंग की भी बात कह रही है। मगर पुलिस इस बात से मना कर ही है। घटना के बाद से ही गांव में तनाव का माहौल हो गया। घटना के बाद पुलिस ने वाहनों को रात ही हटाने का प्रयास किया मगर ग्रामीणों ने इसका विरोध किया और आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की। घटना के बाद से लेकर गुरुवार दोपहर तक घटनास्थल के पास लोग एकत्रित हो गए। ग्रामीणों ने पुलिस के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की। माहौल बिगड़ता की सूचना पर तारानगर डीएसपी ओमप्रकाश गोदारा भी मौके पर पहुंचे, जिनका ग्रामीणों ने विरोध किया। दोपहर में प्रशासन और ग्रामीणों की वार्ता हुई, जिसके बाद तीनों क्षतिग्रस्त वाहनों को मौके से हटाया, जिसके बाद ही माहौल शांत हुआ डीएसपी ओमप्रकाश गोदारा ने बताया कि साहवा थाने में धीरवास बड़ा निवासी मदनलाल पिलानिया ने रिपो।र्ट दी कि वह रात को गाड़ी लेकर जा रहा था। तभी गांव धीरवास बड़ा में शराब ठेकेदारों ने कैंपर गाड़ी लगाकर रोककर गाड़ी को चेक किया तथा लाठी से गाड़ी को बुरी तरह क्षतिग्रस्त कर दिया। मैंने भागकर जान बचाई ठेके की गाड़ी में जयवीर ज्याणी, अजीत सहित अन्य शराब ठेकेदार थे। घटना की सूचना पर भाजपा नेता राकेश जांगिड़ भी पहुंचे। ग्रामीणों ने बताया कि इससे पहले भी कई छोटी-मोटी घटनाएं हो चुकी हैं, लेकिन प्रशासन कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर रहा। वहीं, गोदारा ने बताया कि ग्रामीणों ने आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करने तथा घटना के दौरान एक अन्य ग्रामीण की क्षतिग्रस्त दुकान का मुआवजा देने की बात पर सहमति बनी है।