गाजियाबाद में 25 वर्षीय कृष्ण त्यागी की हत्या की गई थी। शव को बोरी में डालकर नहर में फेंक दिया था। हत्यारोपियों की प्लानिंग थी कि लाश कभी मिले ही नहीं और कृष्ण की गुमशुदगी एक रहस्य बनकर रह जाए। इसके लिए उन्होंने बोरे के अंदर 4 ईंटें भी रखी थी, जिससे ये बोरा पानी के ऊपर न आ सके। कृष्ण के पिता ने बेटे की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। पिता ने गांव के तीन युवकों पर शक जताया। पुलिस ने तीनों युवकों को पकड़कर पूछताछ की तब मामले की सच्चाई सामने आई। तीनों आरोपियों की निशानदेही पर 28 जनवरी को गंगनहर से कृष्ण की लाश बरामद की
पहले पूरा मामला समझिए
मुरादनगर थाना क्षेत्र में डिडौली गांव निवासी कृष्ण त्यागी की रात करीब 11 बजे एक मांगलिक कार्यक्रम में गया था, लेकिन फिर घर नहीं लौटा। परिजनों ने को उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। इस दौरान नहर किनारे एक कमरे में जूते मिले, जो कृष्ण के थे। कमरे से नहर तक कुछ दूरी पर खून के निशान मिले। आशंका जताई गई कि हत्या करके शव को नहर में फेंका गया है।इधर, गांव में जब चर्चाएं शुरू हुई तो ये बात सामने आई कि 22 जनवरी की रात कृष्ण को आखिरी बार कुछ लड़कों के साथ देखा गया था। इस आधार पर कृष्ण के पिता मुनेश त्यागी ने मोनू और सुमित के खिलाफ हत्या की FIR 27 जनवरी को दर्ज करा दी।पुलिस ने मोनू और सुमित को गिरफ्तार कर लिया। दोनों गांव छोड़कर अपनी रिश्तेदारियों में छिपे थे। पूछताछ में दोनों ने कृष्ण की हत्या करने की बात कबूल ली। इस हत्याकांड में तीसरा आरोपी पुनीत उर्फ कालू भी शामिल था। पुलिस ने उसे भी पकड़ लिया।