तेंदुए के हमले में घायलों की आपबीती अशरफ बाथरूम में छिपा तो वहीं घुस आया तेंदुआ

गाजियाबाद कोर्ट परिसर में बुधवार शाम 4 बजे तेंदुआ घुस आया। वकीलों, पुलिसकर्मियों, वादकारियों समेत करीब 10 लोगों पर हमला कर दिया। शू पॉलिश करने वाले सलीम का कान काट लिया। वकील और वादकारी कोर्ट छोड़कर भाग गए तो न्यायिक अधिकारी अपने चैंबरों में छिप गए। तीन वकील हंसते हुए पकड़ने के लिए गए। लेकिन, खून से लथपथ लौटे। करीब पांच घंटे तक तेंदुए का आतंक रहा। वो इधर से उधर भागता रहा, छिपता रहा। आखिरकार तीन बार ट्रैंकुलाइज करके तेंदुए को रात 9 बजे पकड़ा जा सका। इस पूरे मामले का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है। इसमें दो वकील डंडा और फावड़ा लेकर तेंदुए को ढूंढ रहे थे, जबकि तीसरे वकील पीछे-पीछे चलकर मोबाइल से वीडियो शूट कर रहे थे। अचानक तेंदुए ने तीनों पर हमला बोल दिया। वीडियो बनाने वाले शख्स विनोद त्यागी गाजियाबाद कोर्ट में अधिवक्ता हैं। ‘दैनिक भास्कर’ ने उनसे एक्सक्लूसिव बातचीत की। विनोद त्यागी ने बताया, “शाम करीब चार बजे मैं तहसील से कोर्ट में लौटा था। तभी खबर मिली कि कोर्ट परिसर में तेंदुआ घुस आया है। मेरे साथी प्रमोद तंवर और प्रवीण कुमार बिल्डिंग में अंदर घुस गए। पीछे-पीछे मैं भी चला गया। मैं नहीं चाहता था कि ऐसे हिम्मत के काम में मेरे दोनों साथी अकेले पड़ें। पहले फ्लोर पर अचानक तेंदुआ सामने आ गया। तेंदुए ने साथी दोनों वकीलों पर हमला कर दिया। मैंने तुरंत ही एक कुर्सी उठाकर तेंदुए की तरफ फेंकी, ताकि वो उन दोनों वकीलों को छोड़ दे। आखिर ऐसा ही हुआ। कुर्सी फेंकते ही तेंदुआ मेरी तरफ झपटा, लेकिन शुक्र रहा कि मैं बच गया। इसके बाद तेंदुआ ग्राउंड फ्लोर पर सीढ़ियों के नीचे बने स्पेस में जाकर छिप गया। अगर तेंदुआ दोबारा पहले फ्लोर पर आता तो हम निश्चित रूप से घायल हो सकते थे।”

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