रोज-रोज की पिटाई से परेशान 7वीं पास पत्नी सुमन उर्फ बबीता ने अपने ही पति धनीराम का कत्ल करवा दिया। प्लानिंग सुमन ने 3 महीने पहले की। इस साजिश में प्रेमी बलवान को जरिया बनाया। सिर्फ मौका और जगह की तलाश थी। साजिश के तहत सुमन ने प्रेमी की पति से दोस्ती कराई। कुछ ही दिन में धनीराम उस पर भरोसा करने लगा। दोनों साथ बैठकर शराब पीने लगे। लेकिन उसे क्या पता था कि ये दोस्ती ही मौत का जरिया बनेगी। और ऐसा ही हुआ। इस कत्ल के बादरोड एक्सीडेंट के क्लेम के 15 लाख लेकर दोनों नई जिंदगी शुरू करना चाहते थे। मगर सुरागों का पीछा करती हुई पुलिस ने दोनों को सलाखों के पीछे पहुंचा दिया। अब आपको मैंने ये नहीं सोचा था कि शादी के बाद इस नौबत तक रिश्ता आएगा। शादी 8 साल पहले हुई। धनीराम मुझसे 10 साल बड़े थे। उनकी बुरी आदत शराब की थी। पी लेते थे, फिर मुझे पीटते थे। मै यही से टूट गई। डर में जीने लगी कि आज मेरे साथ क्या होने वाला है।इसी बीच बलवान कुशवाहा से मेरी मुलाकात हो गई। वो बचपन से मेरी पहचान वाला था। कह सकते है कि मैं उसी से शादी करना चाहती थी। शादी के बाद जब मैं मायके गई, तो एक जगह हमारी मुलाकात हुई। मैंने बलवान को अपनी ससुराल आने के लिए कहा। वो आने लगा, तो धनीराम से दोस्ती हो गई। वो मेरा पूरा खर्चा भी उठाने लगा।अपने साथ होने वाली मारपीट के बारे में अक्सर मैं बलवान को बताया करती थी। करीब 3 महीने पहले हमने सोचा कि धनीराम को रास्ते से हटाना चाहिए। घटना से 2 दिन पहले भी धनीराम ने मेरे साथ मारपीट की। तब मैंने और बलवान ने तय कर लिया कि धनीराम को अब मार देंगे। बलवान ने अपने साथ दोस्त राघवेंद्र और संजय को भी शामिल करऔर संजय को भी शामिल कर लिया। रोजाना की तरह 1 फरवरी को धनीराम खेत पर फसल की रखवाली करने गए थे। रात करीब 9 बजे बलवान व उसके दोनों दोस्त स्कार्पियो से खेत पर पहुंचे। साजिश के तहत धनीराम को गाड़ी में बैठाकर ले गए। गाड़ी में बैठकर चारों ने शराब पी। फिर चारों ने मारपीट कर गमछे से धनीराम का गला घोंट दिया था।