लखनऊ का रियाज पैर से लिखता है। उसके दोनों हाथ और एक पैर नहीं है। रेलवे ट्रैक पर एक बच्ची को बचाने के चक्कर में उसने अपने हाथ और पैर गंवा दिए। सीएम- पीएम से लेकर राष्ट्रपति तक ने सम्मान दिया। इस बहादुरी के लिए उसे दुनिया के तमाम देशों में अवार्ड्स दिए गए। सरकार ने वादा किया कि रियाज जब 12वीं पास कर लेगा तो उसे नौकरी दी जाएगी। अब उसे 12वीं पास किए 4 साल बीत चुके हैं। लेकिन आज तक नौकरी नहीं मिली। उनकी मां, पत्नी और बच्चे से मिला। परिवार की आर्थिक स्थिति देखी। रियाज के संघर्षों को देखा। आइए सबकुछ एक तरफ से बताते हैं
बच्ची को बचाने में दोनों हाथ और एक पैर कटकर अलग हो गए