जमीयत उलेमा-ए-हिंद के 36वें अधिवेशन में अरशद मदनी के दिए बयान ने तूल पकड़ लिया है। मदनी के बयान पर डासना मंदिर के महंत महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी ने एक वीडियो जारी कर नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा कि महमूद मदनी का यह बयान कि इस्लाम दुनिया का सबसे पुराना धर्म है। यह उनकी मानसिकता को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि मदनी धर्म का अर्थ नहीं जानते। अगर वो धर्म का अर्थ जानते या समझते तो उन्हें पता होता कि इस्लाम कोई धर्म है ही नहीं, बल्कि संगठित अपराधियों का एक गिरोह है।
उन्होंने कहा, “हिन्दू समाज को महमूद मदनी के बयान को गम्भीरता से लेना चाहिए।” उन्होंने हिन्दुओं को नसीहत देते हुए कहा कि अब समझ लेना चाहिए कि हिन्दुओं के जो नेता, धर्मगुरु और संगठन महमूद मदनी के बयान का विरोध तक नहीं कर पा रहे हैं।”
इस्लाम किसी भी तरह से धर्म की परिभाषा पर पूरा नहीं उतरता”
यति नरसिंहानंद ने कहा, “मदनी तू ये समझ, इस्लाम किसी भी तरह से धर्म की परिभाषा पर पूरा नहीं उतरता। इस्लाम केवल लुटेरों का, अपराधियों का संगठित गिरोह है। भारत में कोई सनातनी होता तो तुम्हें तो इस धरती पर आने का भी अधिकार नहीं था। जैसी विचार धारा इस्लाम है न, इस्लाम को इस धरती पर पनपने का भी अधिकार नहीं था। लेकिन हमारी कायरता है कि तुम आज ऐसी बातें कर रहे हो।”
मदनी का यह बयान उनके खतरनाक इरादों को बताता है
जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर ने कहा, ‘इस्लाम की पैदाइश को भारत से जोड़ने का महमूद मदनी का बयान सिरे से नकारने योग्य है। पर इसके निहितार्थ को समझने की आवश्यकता है। मदनी का यह बयान उनके खतरनाक इरादों को बताता है कि वो भारत वर्ष को अब अपने शिकंजे में जकड़ने की तैयारी पूरी कर चुके हैं।”
पहले भी बयानों के लिए चर्चा में रहे हैं नरसिंहानंद गिरि
यति नरसिंहानंद गिरि विवादित बयान के लिए अक्सर चर्चाओं में रहते हैं। दिल्ली पुलिस ने नुपूर शर्मा केस में हेट स्पीच पर एक एफआईआर दर्ज की थी। इसमें यति नरसिंहानंद गिरि को भी आरोपी बनाया गया था। वहीं जिला प्रशासन की तरफ से भी भड़काऊ बयान पर यति को नोटिस दिया गया था। यति ने 17 जून 2022 को जुमे को दिल्ली की जामा मस्जिद जाने का ऐलान किया था। दिसंबर-2021 में हरिद्वार में हुई धर्म संसद में हेट स्पीच में वह करीब एक महीना तक जेल में भी रहे थे।
मौलाना अरशद मदनी के बयान से भड़के धर्मगुरु:जमीयत के मंच से कहा- ओम और अल्लाह एक; विरोध में संतों ने मंच छोड़ा
जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अधिवेशन के आखिरी दिन मौलाना अरशद मदनी के बयान पर जबर्दस्त बवाल हो गया। मदनी RSS चीफ के उस बयान का जवाब दे रहे थे, जिसमें उन्होंने कहा था- हिंदुओं और मुसलमानों के पूर्वज एक जैसे हैं। मदनी ने कहा- तुम्हारे पूर्वज हिंदू नहीं, मनु थे यानी आदम। उनके इस बयान के विरोध में अधिवेशन में पहुंचे अलग-अलग धर्मगुरु मंच छोड़कर चले गए।
जमीयत चीफ बोले- भारत जितना मोदी-भागवत का उतना ही हमारा:कहा- हमें सनातन से परेशानी नहीं, आपको भी इस्लाम से शिकायत नहीं होनी चाहिए
जमीयत उलेमा-ए-हिंद के चीफ महमूद मदनी ने कहा है कि भाजपा और RSS से हमारा कोई धार्मिक मतभेद नहीं है, बल्कि वैचारिक मतभेद है। दिल्ली के रामलीला मैदान में शनिवार को जमीयत के 34वें अधिवेशन में उन्होंने कहा- भारत जितना मोदी और भागवत का है, उतना ही मदनी का भी है। जमीयत चीफ ने कहा- हमें सनातन धर्म से कोई शिकायत नहीं है, आपको भी इस्लाम से कोई शिकायत नहीं होनी चाहिए।