कानपुर देहात से हैरान करने वाला मामला सामने आया है। मैथा तहसील की मड़ौली पंचायत के चाहला गांव में ग्राम समाज की जमीन से कब्जा हटाने पहुंचे प्रशासनिक अफसरों के सामने ही मां-बेटी जिंदा जल गई। मां-बेटी की मौत के बाद जमकर हंगामा हुआ। लेखपाल पर कुल्हाड़ी से हमला कर दिया गया।
कानपुर देहात के मैथा तहसील की मड़ौली पंचायत के चाहला गांव में ग्राम समाज की जमीन से कब्जा हटाने पहुंची पुलिस और प्रशासनिक अफसरों की टीम के सामने ही झोपड़ी के भीतर मां-बेटी जिंदा जल गए। दोनों को बचाने के प्रयास में गृहस्वामी व रुरा इंस्पेक्टर भी झुलस गए। आक्रोशित लोगों ने आग लगाने का आरोप लगाते हुए हंगामा शुरू कर दिया।
लेखपाल पर कुल्हाड़ी से हमला कर घायल कर दिया। अफसरों की टीम को दौड़ा लिया। भीड़ का गुस्सा देख टीम के अन्य लोग भाग खड़े हुए। बाद में गुस्साए लोगों ने एसडीएम, रुरा इंस्पेक्टर, तहसीलदार व लेखपाल समेत गांव के 10 लोगों पर हत्या की रिपोर्ट दर्ज किए जाने की मांग करते हुए शवों को नहीं उठने दिया। देर रात तक मंडलायुक्त और आईजी, डीएम लोगों को समझाया, लेकिन परिजन नहीं माने। मंगलवार सुबह उच्चाधिकारी फिर से परिजनों को समझाने का प्रयास कर रहे हैं। परिजन पांच करोड़, सरकारी नौकरी और दोनो बेटों के लिए आवास की मांग पर अड़े हैं।
सोमवार को जनसुवाई में डीएम नेहा जैन से मड़ौली गांव के कुछ लोगों ने ग्राम समाज की भूमि पर गांव के ही कृष्ण गोपाल दीक्षित उर्फ राघव का कब्जा होने की शिकायत की। इस पर डीएम ने एसडीएम को कार्रवाई के निर्देश दिए। दोपहर तीन बजे एसडीएम मैथा ज्ञानेश्वर प्रसाद, लेखपाल अशोक, राजस्व व रुरा इंस्पेक्टर के साथ मौके पर पहुंचे।
राजस्व विभाग की टीम ने बुलडोजर से कब्जा हटना शुरू किया। तभी अचानक वहां बनी कृष्ण गोपाल की झोपड़ी में आग लग गई। घर में मौजूद कृ्ष्ण गोपाल की पत्नी प्रमिला (54) और बेटी शिवा (22) लपटों के बीच फंस गईं। उन्हें बचाने दौड़े कृष्ण गोपाल व रुरा इंस्पेक्टर दिनेश गौतम झुलस गए। इस बीच मां-बेटी के जिंदा जलने से गुस्साए परिवार व गांव के लोगों ने हंगामा शुरू कर दिया।