अतिक्रमण हटाने में जिंदा जलीं मां-बेटी, अफसर देखते रहे, दोनों चिल्लाती रहीं,आग लगा दी, डिप्टी सीएम ने की बात, SDM सस्पेंड; लेखपाल गिरफ्तार:
कानपुर देहात में सोमवार को अतिक्रमण हटाने के दौरान मां-बेटी की जिंदा जलकर मौत हो गई। पुलिस-प्रशासन सरकारी जमीन से अवैध कब्जा हटाने गया था। घटना के बाद ग्रामीणों ने पुलिस और प्रशासन की टीम को दौड़ा लिया। अफसरों ने भाग कर जान बचाई। तनाव को देखते हुए गांव में फोर्स तैनात कर दी गई। मंगलवार को अधिकारियों ने परिजनों को मनाने का प्रयास किया, लेकिन वे अपनी मांग पर अड़े रहे।
मामले में SDM को सस्पेंड कर दिया गया है, जबकि लेखपाल और जेसीबी के ड्राइवर को गिरफ्तार कर लिया गया है। डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिग से पीड़ित परिवार से बात की और मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया। इसके बाद परिजन शव उठाने के लिए राजी हुए। फॉरेंसिक टीम ने शव उठाकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया।
जलती हुई झोपड़ी को पुलिस ने बुलडोजर से गिरवाया
इस घटना से जुड़ा एक वीडियो भी सामने आया है। इसमें दिख रहा है कि एक महिला चिल्लाते हुए दौड़कर झोपड़ी में जाती है। वह अंदर से दरवाजा बंद कर लेती है। पुलिस भी वहां पहुंचती है। दरवाजा तोड़ देती है। इसी दौरान, झोपड़ी में आग लग जाती है। महिला और उसकी बेटी अंदर थीं। फिर चिल्लाने की आवाज आती है…आग लगा दी।
पुलिस जलती हुई झोपड़ी को बुलडोजर से गिरा देती है। पुलिस फोर्स और अफसरों के सामने दोनों की जिंदा जलकर मौत हो गई। वहीं, दोनों को बचाने में पति कृष्ण गोपाल बुरी तरह झुलस गए। एक और वीडियो में महिला के बेटे की आवाज आती है.वह जलती हुई आग को देखकर रोते-बिलखते कह रहा है कि हाय दैया.. देखो मेरी मम्मी जल रहीं हैं..। वह सब गाड़ी छोड़कर चले गए हैं..
- कानपुर देहात आ रहे काल्पी के सपा विधायक को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। ऊंचाहार के सपा विधायक मनोज पांडे को रोका गया।
- डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने पीड़ित परिवार से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बता की। मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया।
- कमिश्नर राज शेखर ने परिवार से अकेले में बात की। उसके बाद शव को उठाकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया।
- SDM को सस्पेंड कर दिया गया है। उनको पुलिस ने अपनी निगरानी में रखा है। जबकि लेखपाल और जेसीबी ड्राइवर को गिरफ्तार कर लिया गया है।
- मंगलवार दोपहर 3.30 बजे तक दोनों शवों को पुलिस कब्जे में नहीं ले सकी है। परिवार और ग्रामीण सभी आरोपियों की गिरफ्तारी पर अड़ा हुआ है।
- हिंदू महासभा, ब्राह्मण महासभा, विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के लोग घटनास्थल पर प्रशासन के खिलाफ धरने पर बैठ गए हैं।
- परिवारवालों की मांग है कि जब तक डिप्टी सीएम या सीएम खुद मौके पर नहीं आएंगे तब तक डेड बॉडी नहीं उठने देंगे।
- कानपुर नगर से जा रहे सपा विघायक अमिताभ बाजपेई और रूमी हसन को कानपुर देहात की सीमा पर गिरफ्तार कर लिया गया है।
- लखनऊ से कानपुर देहात के लिए जा रहे कांग्रेस के डेलिगेशन को उन्नाव में नवाबगंज टोल प्लाजा पर रोक लिया गया है।
अफसरों ने भागकर अपनी जान बचाई
मैथा तहसील के मड़ौली गांव में मां प्रमिला दीक्षित (41) और बेटी नेहा (21) की मौत के बाद ग्रामीण आक्रोशित हो गए। ग्रामीणों ने पुलिस-प्रशासनिक अफसरों को दौड़ा लिया। अफसरों ने भागकर अपनी जान बचाई। देर रात तक बवाल चलता रहा। परिजनों की शिकायत पर एसडीएम मैथा ज्ञानेंश्वर प्रसाद, रुरा एसएचओ दिनेश गौतम, लेखपाल अशोक सिंह समेत 39 लोगों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया है।कानपुर कमिश्नर राज शेखर, डीएम नेहा जैन, ADG आलोक कुमार समेत अन्य अफसर मौके पर देर रात तक डटे रहे। राज्यमंत्री प्रतिभा शुक्ला भी पहुंचीं। परिजनों से बात की। लेकिन, परिजन ने शव को उठने नहीं दिया।
पिता बोले-अफसरों ने आग लगा दी
वहीं, मृतका प्रमिला के पति कृष्ण गोपाल दीक्षित ने कहा, “बुलडोजर लेकर एसडीएम और तहसीलदार आए थे। इनके साथ अशोक दीक्षित, अनिल दीक्षित, पुतनिया और गांव के कई लोग और भी थे। ये लोग अधिकारियों से बोले कि आग लगा दो….तो अफसरों ने आग लगा दी।हम लोग (बेटा और मैं) तो किसी तरह झोपड़ी से बाहर निकले, लेकिन मां-बेटी अंदर रह गई और जलकर उनकी मौत हो गई। हम लोगों को जलता हुआ छोड़कर ही अफसर लोग भाग गए। किसी ने किसी तरह की कोई मदद नहीं की।
वहीं, बेटे शिवम ने रोते हुए कहा, “एसडीएम, एसओ, लेखपाल सभी ने मिलकर मेरे घर में आग लगा दी। मैं और पिता बाहर नहीं निकलते तो हम भी मारे जाते। झोपड़ी के बाहर मंदिर व नल को भी तोड़ दिया। इसके पहले भी डीएम के यहां पर गए थे, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई थी।
एसडीएम, लेखपाल, जिलाधिकारी ने साजिश के चलते घर में आग लगाकर सब कुछ राख कर दिया। मम्मी और बिट्टी (बहन) अंदर ही रह गए। हम अंदर गए, लेकिन उनको बचा नहीं पाए। आग लगाने के बाद ये सभी लोग भाग गए। SDM कह रहे थे कि कोई बच न पाए।”
आज (13 फरवरी) दोपहर 3 बजे तक एसडीएम मठ जनेश्वर प्रसाद, कानूनगो, लेखपाल अशोक सिंह, रूरा एसएचओ दिनेश कुमार गौतम अपने 12 से 15 पुरुष और महिला कांस्टेबलों के साथ घर आ गए. मैं, मेरे माता-पिता और बहन झोपड़ी में आराम कर रहे थे। झोपड़ी के अंदर 22 बकरियां भी थीं। जेसीबी चालक दीपक झोपड़ी से निकल गया।
अशोक सिंह लेखपाल ने आग लगा दी। एसडीएम मठ को झोपड़ी में आग लगाने को कहा गया ताकि कोई बच न सके और झोपड़ी में आग लगा दी गई. जैसे ही मैं झोपड़ी के अंदर और बाहर लगी आग से किसी तरह बाहर निकलने में कामयाब हुआ, मुझे एसएचओ दिनेश गौतम और 12 से 15 अन्य पुलिसकर्मियों ने पीटा। मुझे आग लगाने की कोशिश की। मेरे पिता भी आधे जले हुए हैं। मां प्रमिला दीक्षित और बहन नेहा दीक्षित जलकर राख हो गईं।