भारत मे पेट्रोल और डीजल की बड़ी कटौती और इससे आम आदमी है परेशान अब क्या होगा ?

पेट्रोल-डीजल की कीमतों में हो सकती है बड़ी कटौती:2 संकेत और 4 वजहों से जानिए, कब और कितने घटेंगे दाम?

महंगाई पर काबू पाने के लिए सरकार जल्द ही पेट्रोल-डीजल पर टैक्स में छूट दे सकती है। ये दावा 15 फरवरी को प्रकाशित न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट में किया गया है। टैक्स में छूट देने से पेट्रोल-डीजल की कीमतें घट जाएंगी।

 पेट्रोल-डीजल की कीमतों में कब, क्यों और कितनी कटौती की जा सकती है?

संकेत-1: सरकारी सूत्रों के हवाले से न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट
पेट्रोल-डीजल की कीमतों में कटौती का पहला संकेत हाल ही में जारी एक न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट ही है। इसमें दावा किया गया है कि सरकार जल्द ही महंगाई पर काबू पाने के लिए पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी कम कर सकती है। बीते दिनों RBI ने महंगाई पर काबू पाने के लिए केंद्र सरकार को ये सलाह दी है।

हालांकि, फरवरी महीने के कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स जारी होने के बाद ही पेट्रोल-डीजल पर लगने वाले एक्साइज ड्यूटी में कटौती की संभावना जताई है। यानी अगर कोई कटौती होगी तो वो अगले महीने ही होगी।

रिपोर्ट में केंद्रीय बैंक और सरकार के करीबी सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि दूध, मक्का, सोया तेल और पेट्रोलियम पदार्थों पर आयात शुल्क में कटौती होने की भी संभावना है।

संकेत-2: सरकार ने विंड फॉल टैक्स घटाया
16 फरवरी 2023 को केंद्र सरकार ने तेल कंपनियों से लिए जाने वाले एक्स्ट्रा विंड फॉल टैक्स को घटाने का फैसला लिया है। अब तक प्रति लीटर डीजल पर कंपनियां 7.50 रुपए तक विंड फॉल टैक्स देती थीं, लेकिन अब 2.50 रुपए ही देना होगा। इस तरह प्रति टन क्रूड ऑयल पर लगने वाला विंडफॉल टैक्स 5,050 रुपए से घटकर 4,350 रुपए रह जाएगा।

एनर्जी एक्सपर्ट नरेंद्र तनेजा का कहना है कि देश में तेल उत्पादन करने वाली कंपनियों से विंडफॉल टैक्स लिए जाते हैं। तेल कंपनियों के मुनाफे बढ़े तो इस मुनाफे पर सरकार ने ये टैक्स लगाया था। अब सरकार इसे धीरे-धीरे खत्म कर रही है। ऐसे में ये सही समय है जब तेल कंपनियां डीजल की कीमत घटा सकती हैं।

एनर्जी एक्सपर्ट नरेंद्र तनेजा के मुताबिक अभी सरकार आसानी से तेल की कीमतों को 2 रुपए से 3 रुपए प्रति लीटर तक कम कर सकती हैं। इससे न तो सरकार और न ही तेल कंपनियों को ज्यादा नुकसान होगा। वहीं कुछ इंडिपेंडेट सोर्स पेट्रोल-डीजल के रेट 7 रुपए तक कम किए जाने की संभावना जता रहे हैं। इसके पीछे 4 बड़ी वजहें बताई हैं….

वजह-1ः महंगाई कम करने का दबाव
जनवरी 2023 में खुदरा महंगाई दर 6.52% तक पहुंच गई। ये अक्टूबर के बाद तीन महीनों में सबसे ज्यादा है। RBI ने इस महीने खुदरा महंगाई दर सबसे ज्यादा 6% तक रहने की संभावना जताई थी, लेकिन ये लिमिट टूट गई।

इसके बाद फौरन महंगाई पर काबू पाने के लिए रिजर्व बैंक ने केंद्र सरकार को तेलों पर एक्साइज ड्यूटी कम करने का सलाह दी है। नरेंद्र तनेजा का मानना है कि केंद्र और राज्य चाहें तो आसानी से एक्साइज और वैट टैक्स में कुछ छूट दी जा सकती है।

वजह-2: रूस से सस्ता तेल खरीद रहीं भारतीय कंपनियां
दिसंबर 2022 में भारतीय तेल कंपनियों ने सबसे ज्यादा क्रूड ऑयल रूस से खरीदा है। इससे पहले अक्टूबर और नवंबर में भी रूस से ही सबसे ज्यादा तेल भारत आया था। एनर्जी कार्गो ट्रैकर वोरटेक्सा के मुताबिक, दिसंबर में भारत ने हर दिन औसतन 11 लाख 90 हजार बैरल क्रूड ऑयल रूस से खरीदा। इससे एक साल पहले दिसंबर 2021 में भारत प्रतिदिन 36,255 बैरल तेल ही रूस से खरीदता था। यानी एक साल में रूस से तेल की खरीद करीब 32 गुना बढ़ गई।

भारत अब अपनी जरूरत का 25% तेल रूस से ही मंगाता है। मार्च 2022 तक भारत अपनी जरूरत का बेहद छोटा हिस्सा ही रूस से खरीदता था, लेकिन अप्रैल से स्थिति बदलना शुरू हुई। अक्टूबर में रूस ने भारत को तेल बेचने के मामले में इराक और सऊदी अरब को पीछे छोड़ दिया था।

दिसंबर 2022 में इंटनेशनल मार्केट में क्रूड ऑयल की कीमत 70 डॉलर प्रति बैरल था। वहीं, फाइनेंशियल टाइम्स ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि रूस करीब 60 डॉलर प्रति बैरल के हिसाब से भारत को तेल बेच रहा है।

वजह-3: तेल कंपनियों का घाटा पूरा हो गया
ICICI सिक्योरिटीज की 6 जनवरी 2023 की रिपोर्ट के मुताबिक, इस वक्त तेल कंपनियां प्रति लीटर पेट्रोल पर 10 रुपए का मुनाफा कमा रही हैं। वहीं, डीजल की बिक्री पर कंपनियों को 6.5 रुपए प्रति लीटर का नुकसान हो रहा है।

हालांकि, इस दौरान कच्चे तेल की कीमतों में काफी कमी आई है। मार्च 2022 में कच्चे तेल की कीमत 140 डॉलर प्रति बैरल थी। वहीं 17 फरवरी 2023 यानी शुक्रवार को कच्चे तेल की कीमत 76 डॉलर प्रति बैरल थी।

देखा जाए तो इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन यानी IOCL, भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड यानी BPCL और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड यानी HPCL ने पिछले 16 महीनों से पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कटौती नहीं की है।

एनर्जी एक्सपर्ट नरेंद्र तनेजा ने बताया कि तेल कंपनियां पेट्रोल के अलावा अब डीजल पर भी मुनाफा कमा रही हैं। यही वजह है कि तेल कंपनियों पर पेट्रोल और डीजल की कीमतों को कम करने का काफी दबाव है। ऐसे में तेल की कीमत कम करने का ये सबसे सही समय है।

वजह-4: चुनावी साल है, 10 राज्यों में विधानसभा चुनाव
2023 में 10 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश में चुनाव होने हैं। फरवरी और मार्च में पूर्वोत्तर के तीन राज्यों त्रिपुरा, मेघालय और नगालैंड में चुनाव हो रहे हैं।

वहीं, अप्रैल-मई में दक्षिण भारतीय राज्य कर्नाटक में विधानसभा चुनाव होने की संभावना है। साल के अंत में मध्यप्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, मिजोरम और तेलंगाना में विधानसभा चुनाव होने हैं। साथ ही केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में भी चुनाव कराए जा सकते हैं। पेट्रोल-डीजल की कीमतों घटाकर वोटर्स को राहत देने की कोशिश की जा सकती है।

एक्सपर्ट के मुताबिक, अब तक तेल कंपनियां अंतरराष्ट्रीय बाजार में महंगे क्रूड का हवाला देते हुए पेट्रोल और डीजल दोनों की बिक्री पर ही नुकसान दिखा रही थीं। मगर अब पेट्रोल पर करीब 10 रुपए प्रति लीटर का सरप्लस कंपनियों को मिल रहा है।

इसी वजह से आम आदमी के लिए भी पेट्रोल-डीजल की कीमतें कम करने का दबाव कंपनियों पर बढ़ा है। ऐसे में पेट्रोल के दाम में कमी की जा सकती है।

अब ग्राफिक्स में देखिए कैसे पेट्रोल-डीजल से 8 साल में केंद्र की कमाई 2.48 लाख करोड़ रुपए और राज्यों की कमाई 1.19 लाख करोड़ रुपए बढ़ी है….

 

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