जहां हम और आप दुकानदार के पास बिना सोचे ही एक रुपया छोड़ आते हैं वहां बेंगलुरु में एक आदमी एक रुपए के लिए कंज्यूमर कोर्ट पहुंच गया।
दरअसल, इस आदमी को बस कंडक्टर ने एक रुपया नहीं लौटाया था। बस फिर क्या था, आदमी पहुंच गया अदालत। कोर्ट ने याचिकाकर्ता की न सिर्फ सराहना की बल्कि बैंगलोर मेट्रोपॉलिटन ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन से 2 हजार रुपए का मुआवजा भी दिलवाया।
याद करें अपने दादा-दादी, नाना-नानी को। जो अक्सर ये कहते रहते हैं कि हमारे जमाने में एक रुपए में बहुत सारी चीजें आ जाती थीं। आज की जेनरेशन को यह बात स्टोरी टेलिंग की तरह लगती है।