यूपी की गर्मी ने फरवरी महीने में ही 4 रिकॉर्ड तोड़ दिए। कानपुर में 52 साल बाद 22 फरवरी को पारा 33.7 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया। इससे पहले, 1972 में 33.5 डिग्री सेल्सियस पारा दर्ज किया गया था। यह पहली बार नहीं है जब कानपुर में पारे ने रिकॉर्ड तोड़े हैं। इससे पहले भी 3 बार गर्मी रिकॉर्ड तोड़ चुकी है। मौसम एक्सपर्ट का कहना है कि जिस तरह फरवरी में पारा बढ़ रहा है। उससे मई-जून में पारा 50 डिग्री सेल्सियस तक जा सकता है।
मौसम विभाग के मुताबिक, बुधवार को प्रयागराज प्रदेश में सबसे गर्म रहा। दूसरा नंबर कानपुर का रहा है। बुधवार को कानपुर में अधिकतम तापमान 33.7 और प्रयागराज में 34.2 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया।
बढ़ रही है एक्स्ट्री वेदर कंडीशन
कानपुर की CSA यूनिवर्सिटी के मौसम विज्ञानी डॉ. एसएन सुनील पांडेय ने बताया, “फरवरी का महीना इस साल भी गर्म रहा है। यूपी में कई शहरों पर पारा 34 डिग्री के पार जा चुका है। फरवरी में इतनी गर्मी क्लाइमेट चेंज की बड़ी वजह है। इसकी वजह से एक्स्ट्रीम वेदर कंडीशन बढ़ रही है। इस बार गर्मी भी काफी ज्यादा पड़ेगी। मई और जून महीने में पारा 50 डिग्री सेल्सियस तक जा सकता है।”
मौसम विज्ञानी ने बताया कि द क्रॉस डिपेंडेंसी इनीशिएटिव (एक्सडीआई) की अध्ययन रिपोर्ट में एक्स्ट्रीम वेदर कंडीशन की बात सामने आई है। यह रिपोर्ट चेतावनी जारी करने के साथ-साथ आगाह करने वाली भी है। रिपोर्ट में क्लाइमेट चेंज के खतरों का सामना करने में चीन के बाद भारत को रखा गया है। रिपोर्ट में प्रभावित होने वाले शीर्ष 50 राज्यों की सूची बनाई गई है, जिनमें भारत के 9 राज्य हैं।
आगे और रिकार्ड तोड़ गर्मी बढ़ने के आसार हैं
मौसम विज्ञानियों के मुताबिक, मौसम का जो रुख है उसे देखते हुए माना जा रहा है कि इस साल गर्मी अपने सभी रिकॉर्ड तोड़ेगी। फरवरी के 22 दिनों में केवल 2 दिन ही अधिकतम तापमान सामान्य से कम रहा है। पश्चिमी विक्षोभ समय से न आने से बारिश नहीं हुई।
इसका असर यह पड़ा कि दिन-रात के तापमान तेजी से चढ़ने लगे। फरवरी में जहां दिन का औसत तापमान कम रहता है, वहां यह सामान्य से 08.6 डिग्री (सोमवार 20 फरवरी) अधिक रहा। इससे पहले 07 व 10 फरवरी को यह सामान्य से 07.9 डिग्री अधिक था। ऐसा पहली बार है जब पारा सामान्य से इतना ज्यादा रहा हो।