बीते 20 सालों में मातृ मृत्यु दर में एक तिहाई की गिरावट के बावजूद गर्भावस्था की परेशानियों से हर 2 मिनट में एक महिला की मौत हो जाती है। यह खुलासा संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट से हुआ है। रिपोर्ट के मुताबिक महिलाओं की मौत के मामलों में साल 2000 से 2015 के बीच जबरदस्त गिरावट आई।
2016 से लेकर 2020 के बीच मृत्यु दर स्थिर रही। साल 2000 में एक लाख बच्चों के जन्म के दौरान 339 महिलाओं की मौत हो रही थी। 2020 में यह आंकड़ा घटकर 223 हो गया।
दुनिया भर में 2.87 लाख मातृत्व मौतें हुईं
दुनिया भर में 2020 में 2.87 लाख मातृत्व मौतें हुईं, जो 2016 में 3.09 लाख से 7% ही कम हैं। भारत में 2020 में 24 हजार महिलाओं की मौत हुई। यह दुनिया में दूसरा सबसे बड़ा आंकड़ा है। 2020 में सबसे ज्यादा 82 हजार मौतें नाईजीरिया में हुईं। अच्छी बात ये है कि 2000 से 2020 के बीच भारत में गर्भावस्था से जुड़ी मौतें 73.5% कम भी हुईं।
8 क्षेत्रों में से महज 2 में सुधार, सबसे ज्यादा बेलारूस में हुआ
बेलारूस में मातृ मृत्यु दर में रिकॉर्ड 95.5% की कमी आई। वहीं वेनेजुएला की हालत बेहद खराब है। 2016 और 2020 के बीच, मातृ मृत्यु दर संयुक्त राष्ट्र के 8 क्षेत्रों में से केवल दो में कम हुई जिसमें ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में 35% और मध्य-दक्षिण एशिया में 16% रही। यूरोप और उत्तरी अमेरिका में दर 17% तक बढ़ी है।
अफ्रीका के उप सहारा में 2020 में मौतें 70% बढ़ीं
रिपोर्ट के मुताबिक 2020 में लगभग 70 प्रतिशत मौतें उप-सहारा अफ्रीका में हुईं, जहां यह दर ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड की तुलना में 136 गुना अधिक है। अफगानिस्तान में, मध्य अफ्रीकी गणराज्य, चाड, कांगो, सोमालिया, सूडान, सीरिया और यमन के लोग गंभीर मानवीय संकट का सामना कर रहे हैं।