रूस-यूक्रेन जंग को आज एक साल पूरा हो गया है। इस मौके पर यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने कहा कि जंग का एक साल दर्द, दुख, विश्वास और एकता दिखाता है।
वहीं, जंग का एक साल पूरा होने के आखिरी दिन यानी गुरुवार को ब्रिटेन की राजधानी लंदन, फ्रांस की राजधानी पेरिस और बेल्जियम की राजधानी ब्रुसेल्स में प्रदर्शन हुए। यूरोप से ऑस्ट्रेलिया तक लोग किस तरह यूक्रेन का समर्थन कर रहे हैं.
UN जनरल असेंबली में गुरुवार देर रात यूक्रेन में शांति और रूसी सेना की वापसी को लेकर एक प्रस्ताव लाया गया। यह प्रस्ताव दो-तिहाई बहुमत से पास हुआ। 141 देशों ने प्रस्ताव का समर्थन किया। वहीं सात देशों बेलारूस, नॉर्थ कोरिया, सीरिया, माली, रूस, इरीट्रिया और निकारागुआ ने प्रस्ताव के खिलाफ वोट वोटिंग की।
भारत, चीन और पाकिस्तान सहित 32 देशों ने UN में इस प्रस्ताव पर वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया। 11 पैराग्राफ के इस प्रस्ताव के पास होने के बाद यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने ट्वीट किया कि यह यूक्रेन के लिए वैश्विक समर्थन का सबूत है। वहीं UN में रूस के एंबेसडर दमित्री पोलांस्की ने इसे फालतू बताते हुए खारिज किया। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि प्रस्ताव शांति नहीं लाएगा, बल्कि इससे जंग भड़काने वालों को हौसला मिलेगा।
चीन के विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को 12 पॉइंट का एक पीस प्लान जारी किया। इसमें रूस-यूक्रेन के बीच सीजफायर की अपील की गई। दोनों देशों के बीच शांति वार्ता के साथ रूस पर लगाए गए पश्चिमी देशों के प्रतिबंध को खत्म करने को भी कहा गया।
चीन ने कहा कि इस युद्ध में न्यूक्लियर हथियारों का इस्तेमाल नहीं होना चाहिए। साथ ही दोनों देशों को अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून का पालन करते हुए आम नागरिकों पर हमला नहीं करना चाहिए। चीन ने अपने पीस प्लान में कोल्ड वॉर की मानसिकता को खत्म करते हुए अमेरिका के दूसरे देशों के मामले में हस्तक्षेप न करने की भी मांग की।
भारत और अमेरिका समेत तमाम देश पुतिन से जंग खत्म करने को कह चुके हैं। इजराइल और तुर्की ने मध्यस्थता की कोशिशें भी की थीं। PM मोदी ने पिछले साल उज्बेकिस्तान के समरकंद में हुई SCO की मीटिंग के बाद मोदी ने पुतिन से कहा था- आज का युग युद्ध का नहीं है। इस पर पुतिन ने मोदी से कहा था- मैं यूक्रेन से जंग पर आपकी स्थिति और चिंताओं को जानता है। मैं भी चाहता हूं कि ये सिलसिला जल्द से जल्द रुके।
रूस ने यूक्रेन पर हमला कर दिया। कभी बच्चों के स्कूलों में मिसाइलें दागीं तो कभी हॉस्पिटल्स को निशाना बनाया। हमलों में क्या बच्चे. क्या बूढे. प्रेग्नेंट महिलाओं को भी नहीं छोड़ा। एक साल से रूस यूक्रेन पर हमले किए जा रहा है, पर ना तो जेलेंस्की ने घुटने टेके ना ही देश की जनता को टेकने दिए।