बिहार में आज एनडीए और महागठबंधन अपनी-अपनी ताकत दिखाने के लिए बड़े आयोजन कर रहे हैं. लोकसभा चुनाव 2024 के मद्देनजर पहली बार महागठबंधन एकजुट होकर पूर्णिया में शक्ति प्रदर्शन करेगा. वहीं केंद्रीय मंत्री अमित शाह
गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा के प्रमुख रणनीतिकार राज्य का दौरा करेंगे. बिहार सीएम नीतीश कुमार राज्य के पूर्वी हिस्से में पूर्णिया में ‘महागठबंधन’ की एक संयुक्त रैली करेंगे. सत्तर वर्षीय मुख्यमंत्री उनके साथ डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव और कांग्रेस और वामपंथी जैसे छोटे सहयोगियों के नेताओं के साथ “एकजुट विपक्ष” के प्रदर्शन में शामिल होंगे.
तेजस्वी यादव के पिता और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू यादव, जो हाल ही में सिंगापुर में सर्जरी के बाद भारत लौटे हैं, वो भी वीडियो के माध्यम से इसमें शरीक हो सकते हैं. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह बाल्मीकि नगर लोकसभा क्षेत्र में एक जनसभा को संबोधित करेंगे. पार्टी की एक बैठक को संबोधित करने के बाद, शाह किसानों की एक और बैठक को संबोधित करने के लिए पटना जाएंगे.
गृह मंत्री, चार महीने से अधिक समय के अंतराल के बाद बिहार का दौरा कर रहे हैं. बिहार में गृह मंत्री का शाम को तख्त हरमंदिर पटना साहिब जाने और वहां अरदास करने का भी कार्यक्रम है. विश्व प्रसिद्ध गुरुद्वारा उस स्थान पर स्थित है जहां गुरू गोबिंद सिंह का जन्म हुआ था और जहां उनका बचपन बीता है. भारतीय जनता पार्टी के अन्य पिछड़ा वर्ग मोर्चा के महासचिव और पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता निखिल आनंद ने कहा, ‘‘भाजपा संगठनात्मक शक्ति और वैचारिक प्रतिबद्धता के दो स्तंभों पर खड़ी है और केंद्रीय गृह मंत्री की बिहार यात्रा उसी की पुष्टि है.”
उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘दूसरी ओर, महागठबंधन ने मुस्लिम तुष्टिकरण का कार्ड खेलने के लिए सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील सीमांचल इलाके को चुना है.”महागठबंधन में शामिल उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने भाजपा पर निशाना साधा. तिवारी ने आरोप लगाया, ‘‘पूर्णिया रैली में भाजपा को सत्ता बाहर करने की लड़ाई के लिये बिगुल बजेगा. अमित शाह के दौरे से कुछ खास असर नहीं पड़ेगा. गृह मंत्री के सांप्रदायिक ध्रुवीकरण का प्रयास करने की संभावना है जो 2024 के चुनावों में भाजपा के लिए एकमात्र उम्मीद है.”