हरदोई के बिलग्राम कोतवाली इलाके में गंगा की तलहटी पर बसा है कटरी बिछुइया गांव। यहां 23 फरवरी की दोपहर गांव के ही एक घर में चूल्हे की चिंगारी से अचानक आग लग गई। कोई कुछ समझ पाता, इससे पहले आग की तेज लपटों ने पूरे गांव को अपने जद में ले लिया।
सूचना मिलते ही CO बिलग्राम सत्येन्द्र सिंह, नायब तहसीलदार ज्योति वर्मा और SHO फूल सिंह अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे। दमकल कर्मियों की टीम आग पर काबू पाने के लिए जुट गई। लेकिन जब तक आग पर काबू पाया जाता, गांव के 86 घर पूरी तरह से तबाह हो चुके थे। इस घटना के बाद बिछुइया गांव पहुंची। महज 4 घंटे में जिंदगी की पूरी कमाई गवां चुके लोगों से बात की। सभी के चेहरे पर बेबसी और आंखों में आंसू थे।
गांव में विनोद ही इकलौते ऐसे शख्स हैं, जिनके घर का कोई सदस्य इस घटना में जला है। विनोद के पिता बसंत रायदास की हालत गंभीर बनी हुई है। उनका इलाज हरदोई जिला अस्पताल में चल रहा है। विनोद कहते हैं, “भाई का इलाज करवाने के लिए मैंने 20 हजार रुपए लाकर भाभी को दिए थे। वो भी इस घटना में चले गए। घर में 5 बच्चे भी हैं, अब इन्हें कैसे पाल पाएंगे। जिंदगी भर पैसे जोड़-जोड़कर जो गृहस्थी बनाई थी, सब एक झटके में बर्बाद हो गया।”
जब घर पर आग लगी तो विनोद की भाभी गुड्डी वहां मौजूद थीं। उन्होंने ही किसी तरह अपने ससुर को आग से बचाकर बाहर निकाला। गुड्डी वो मंजर यादकर सहम जाती हैं। वो कहती हैं, “मैं रसोई में दूध गर्म कर रही थी जब आग भड़क गई। अचानक मेरे सिर पर छप्पर जलने लगा। मैं बाहर की तरफ भागी।
“मैंने देखा कि पिता जी के कमरे में भी आग लगी हुई है। वो 70 साल के हैं, चल नहीं पाते। किसी तरह मैंने उन्हें आग से बचाकर निकाला, लेकिन वो बुरी तरह से जल गए थे। बाद में विनोद भइया उन्हें बिलग्राम सीएचसी ले गए।” इतना कहकर गुड्डी रोने लगीं। कुछ देर बाद बोलीं- भगवान मेरे पिता जी को बचा लो।”
घटना के बाद पीड़ित परिवारों को दी गई सहायता राशि के बारे में हरदोई डीएम मंगला प्रसाद सिंह ने “घटना के दिन मैंने गांव पहुंचकर लोगों राहत राशि देने का आदेश जारी कर दिया था। इसी क्रम में गांव के 54 परिवारों को 25 लाख रुपए की मुआवजा राशि भेजी गई है। कई लोगों की पासबुक हादसे में जल गई थी, उनका भी बैंक से वेरिफिकेशन करवाकर खातों में पैसे भेज दिए गए हैं।”
“जिन लोगों के मवेशियों की मौत हुई है। उन्हें इसका अलग से मुआवजा दिया गया है। साथ गैस-चूल्हा, एक-एक गैस सिलेंडर और रहने की टेंपरेरी व्यवस्था की गई है।”