अब अकेले भी हज का सफर कर सकेंगी महिलाएं, कई नियमों की बाध्यता से छूट मिलने पर खुशी की लहर

 

 

अब हज यात्रा पर जाने वाली महिलाओं को कई नियमों की बाध्यता से छूट मिल गई है। महरम यानी पुरुष रिश्तेदार (पति, बेटा, भाई आदि) के बिना ही महिलाएं हज का पाक मुकद्दस सफर कर पाएंगी, जबकि अब चार महिलाओं के समूह में यात्रा पर जाने के नियम की बाध्यता भी खत्म कर दी गई है।

अकेली महिला भी हज के लिए आवेदन कर सकती हैं। इस नियम से महिलाओं में खुशी की लहर है। उत्तराखंड हज कमेटी ने हज यात्रा 2023 की तैयारियां शुरू कर दी हैं। 10 मार्च तक आवेदन करने की अंतिम तिथि रखी गई है। बीते वर्ष प्रदेश के नौ जिलों से 739 मोमीनों ने हज के लिए आवेदन किए थे। जिसमें सबसे अधिक हरिद्वार जिले से 284 आवेदन किए गए थे।

दूसरे नंबर पर ऊधमसिंह नगर से 194 और तीसरे स्थान पर देहरादून जनपद से 33 आवेदन हुए थे, जिसमें 30 फीसदी महिलाओं के आवेदन थे। महिलाओं को महरम के साथ ही हज यात्रा पर जाने का नियम था, जबकि चार महिलाओं का ग्रुप ही हज का सफर कर सकता था, लेकिन अब से इस नियम की बाध्यता खत्म कर दी गई।

अब अकेली महिला भी हज यात्रा के लिए आवेदन कर सकेगी, जिससे हज पर जाने वाली महिलाओं में खुशी की लहर है। अब महिलाएं अपने बजट के हिसाब से अकेले ही हज पर भी जा सकेंगी।

पहले अपने साथ ही बेटे या पति, फिर अन्य रिश्तेदार को हज पर ले जाने के लिए बजट का इंतजाम करना पड़ता था, लेकिन बिना महरम के हज का सफर करने की छूट मिलने से राहत मिली है।  

चार महिलाओं के समूह की बाध्यता खत्म कर अकेली महिला के हज यात्रा के लिए आवेदन करने से खुशी मिली है। चार महिला का समूह या फिर महरम के चलते बजट सहित सभी इंतजाम करने पड़ते थे।

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