बेइंतेहा खूबियों व अजमतों वाली रात है शबेबरात: फरीद उद्दीन – कुरआन की तिलावत कर पूर्वजों की कब्रों पर जाकर पेश करंे ऐसाले सवाब – बुरे कामों से रहें दूर, इबादत करके गुजारें रात – जिले में सात मार्च को मनाया जायेगा शबेबरात का पर्व
फतेहपुर। शबेबरात ये वो बाबरकत रात है जिसे अल्लाह तआला ने बेइंतेहा खूबियों और अजमतों से नवाजा है। इस रात को इबादत के बीच गुजारें। बुरे कामों से दूर रहें। यह बात काज़ी शहर कारी फरीद उद्दीन कादरी ने कही।
श्री कादरी ने बताया कि इस रात में अल्लाह तआला दुनिया की ओर विशेष तवज्जो फरमाता है और मांगने वाले को अपने फरिश्तों के माध्यम से पूरे साल के लिए हर चीज़ अता करता है। जो रात इतनी बरकतों और अजमतों वाली हो तो हमे चाहिये कि इस रात में कुरआन कीं तिलावत कर अपने पूर्वजों के कब्रों पर जाकर ऐसाले सवाब के जरिए उन्हें फायदा पहुंचाएं। मस्जिदों मे.नफिल नमाज में मशगूल रहें। उन्होने कहा कि मुसलमानों कीं बड़ी बदनसीबी है कि नेक काम भी बासऔकात बुराई में बदल जाते हैं और अल्लाह तआला कीं नाराजगी और शैतान कीं खुशनुदी का जरिया बन जाते हैं। शबेबरात के मौके पर शहर व देहात के इलाकों में आतिशबाजी शरू हो जाती है। मुस्लिम समाज के लोग बड़े शौक से अपने बच्चों को पटाखे और आतिशबाजी का समान खरीद कर देते हैं। बच्चों को खुश करने कीं कोशिश करते हैं। हालाकि हमे मालूम तक नहीं होता कि हम बच्चों को खुश करने के चक्कर में अपने अल्लाह तआला को नाराज कर रहे हैं। याद रहे अल्लाह तआला फिजूल खर्ची करने वालों को पसंद नहीं करता। लिहाजा मुस्लिम समाज के लोगों को चाहिए कि वो खुद फैसला करें कि हमे इस रात को क्या करना है? इस रात में खुराफात (बुरे काम) करके शैतान को खुश करना है या इबादत व जियारत के जरिए अपने रब को राजी करना है। काज़ी शहर ने मुस्लिम समाज के लोगों से अपील किया कि बिरादराने वतन का त्योहार होली भी इसी दिन है। लिहाजा इस शहर की गंगा जमुनी तहजीब को बरकरार रखते हुए आपस में मिल जुलकर त्योहारों को खुशियो के साथ मनाएं। शबेबरात का त्योहार सात मार्च मंगलवार को मनाया जाएगा।