सीतामढ़ी में बुधवार को जयमाला के दौरान दूल्हा स्टेज पर ही बेहोश हो गया। इसके बाद उसे अस्पताल पहुंचाया गया। जहां इलाज के दौरान दूल्हे की मौत हो गई। बताया जा रहा है कि शादी में तेज आवाज में डीजे बज रहा था। इस आवाज की वजह से दूल्हे की तबीयत बिगड़ने लगी थी।
घटना सोनबरसा थाना क्षेत्र के इंदरवा गांव की है। दूल्हे ने कई बार डीजे को दूर ले जाने को कहा, लेकिन लोगों की लापरवाही के कारण जयमाल खत्म होते ही दूल्हा अचानक स्टेज पर बेहोश होकर गिर गया। घटना के बाद परिजनों ने उसे प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया, लेकिन उसकी हालत बिगड़ने लगी गंभीर हालत को देखते हुए उसे सदर अस्पताल रेफर कर दिया।लेकिन रास्ते में ही उसकी मौत हो गई। मृतक की पहचान परिहार के मनिथर गांव वार्ड-9 के रहनेवाले स्वर्गीय गुदर राय के पुत्र सुरेंद्र कुमार (30) के रूप में की गई।
स्थानीय लोगों ने बताया की बारात लगने के दौरान स्टेज पर जयमाल की रस्म हो चुकी थी। दोनों अपने रिश्तेदार, परिवार व दोस्तों के साथ फोटो खिंचवा रहे थे। इसी दौरान अचानक दूल्हा बेहोश होकर गिर पड़ा। उसके गिरते ही अफरा-तफरी मच गई। सभी लोग इधर उधर भागने लगे। इतना ही नहीं कैमरा वाला वहा से घटना होते ही फरार हो गया। वहीं, दूल्हे के तरफ से आए लोग बिना खाना खाए लौट गए। शादी का मंडप सजा का सजा हो रह गया।
परिहार प्रखंड के धनहा पंचायत के मनिथर गांव के वार्ड 9 निवासी स्व. गुदर राय के सबसे छोटे पुत्र सुरेंद्र था। सुरेंद्र की माता-पिता की मौत पूर्व में ही हो चुकी है। अपने तीन भाइयों में सबसे छोटा था। रेलवे ग्रुप डी के लिखित परीक्षा पास कर चुका था। इस मौत से चंद मिनटों में सारी खुशियां मातम में तब्दील हो गईं। इस दुखद घटना से दोनों पक्षों के हित परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। स्थानीय लोग बार-बार यही कह रहे थे कि सुरेंद्र के कहने पर अगर डीजे को बंद कर दिया गया होता तो शायद यह घटना नहीं हुई होती।
बताया जाता है कि जैसे ही डीजे की आवाज सुनकर दूल्हा अचेत हुआ, वहां अफरा-तफरी का माहौल कायम हो गया। यह हालत में देख घरवाले और दूसरे लोग परेशान हो गए। इसके बाद लोगों के सहयोग से सुरेंद्र को निजी अस्पताल में पहुंचाया गया, जहां चिकित्सक ने उसे बेहतर उपचार को सीतामढ़ी रेफर कर दिया। जहां रास्ते में ही उसकी मौत हो गई। डॉक्टरों ने बताया कि उसकी मौत हार्ट अटैक आने के कारण हुई है। बता दें कि जिले में डीजे की आवाज सुनकर किसी व्यक्ति की मौत का यह अपने तरह का पहला मामला है।
75 डेसीबल से अधिक पर ध्वनि बजाने पर पाबंदी है। इससे अधिक तेज आवाज किसी के लिए भी खतरनाक को सकता है। डीजे-बैंड बाजों की तेज आवाज और तेज रोशनी के चलते लोग डिप्रेशन में आ जाते हैं। उस स्थिति में घबराहट और बेचैनी हो जाती है। शरीर में ब्लड की कमी के चलते दिल के दौरे का खतरा बढ़ जाता है। ऐसी स्थिति में हृदय गति रुकने से व्यक्त की मौत हो सकती है।