यदि आप सड़कों पर नालियों में कूड़ा फेंक रहे हैं तो इसे फौरन बंद कर दीजिए, क्योंकि यदि शहर की सड़कों, नालियों को गंदा करते पकड़े गए तो फिर एक हजार रुपये का जुर्माना लगेगा और यदि व्यवसायिक क्षेत्रों में सड़कों पर कूड़ा फेंका तो पांच हजार रुपये जुर्माना देना होगा। इसी के साथ हॉस्पिटल, होटल, रेस्टोरेंट, बैंक्वेट हॉल और आरडब्ल्यूए ने यदि सड़कों पर कूड़ा फेंका तो उन पर भी पांच हजार जुर्माना लगेगा। उत्तर प्रदेश के मेरठ को स्वच्छ बनाने को लेकर नगर निगम ने मेयर सुनीता वर्मा और नगर आयुक्त मनोज कुमार चौहान ने 30 दिसंबर को कूड़ा डालने पर रोक और जुर्माने के प्रावधान की सार्वजनिक सूचना जारी की थी। इस सार्वजनिक सूचना पर शहर के लोगों से 15 दिनों में आपत्ति देने को कहा था। 15 दिन का समय सोमवार को समाप्त हो गया, लेकिन कोई आपत्ति नहीं आई। अब शहर में डस्टबिन, कूड़ा स्थल या निगम की कूड़ा गाड़ियों की जगह इधर-उधर फेंकने, नाले, नालियों में डालने पर जुर्माना वसूल किया जाएगा। आम लोगों के साथ होटल, रेस्टोरेंट, बारात घर, अस्पताल, निजी कॉलोनियां आदि से कूड़ा निस्तारण की व्यवस्था करने को कहा गया है। यदि कूड़ा निस्तारण की व्यवस्था नहीं की गई तो उन सभी पर जुर्माना वसूली की कार्रवाई होगी। स्वच्छता सर्वेक्षण में नगर निगम के दावे देर रात 12 बजे लॉक हो गए। अंतिम समय में कई चीजों के आंकड़े फीड किए गए हैं। वहीं, कुछ अधूरे रह गये, जिसका विस्तृत ब्योरा शाम तक नहीं मिल सका। स्वच्छता सर्वेक्षण-2019 को लेकर केन्द्रीय एजेंसी ने देश भर के सभी निकायों को 14 जनवरी की रात 12 बजे तक अपडेशन का समय दिया। मेरठ सहित सभी निकायों ने बिल्कुल समय में डाटा अपडेट किया। माना जा रहा है कि मेरठ शहर अभी अंकों में कई शहरों से पीछे है। देर शाम तक मेरठ ने 1250 में 1018 अंकों का दावा किया था। अन्य निकाय इससे आगे चल रहे थे। अब इन्हीं दावों के आधार पर आगे की कार्रवाई होगी।नगर आयुक्त मनोज कुमार चौहान ने कहा, शासन के ठोस अपशिष्ट नियम-2016 के तहत जुर्माने की व्यवस्था की गई है। अब आम लोगों, बारात घर संचालक, अस्पताल संचालक, रेस्टोरेन्ट, निजी कालोनियों के आरडब्लूए को कूड़ा निस्तारण की व्यवस्था करनी होगी, अन्यथा उन सभी पर जुर्माना लगेगा। वसूल किया जाएगा।