रेगिस्तान में शनिवार दोपहर बाद अचानक मौसम बदल गया। तेज बारिश व ओलावृष्टि व आकाशीय बिजली गिरने से इलाके में तबाही मचा दी। अलग-अलग जगह बिजली गिरने से चाचा-भतीजी सहित तीन लोगों की मौत हो गई। पादरू गांव कच्चे मकान में बिजली गिरने से आग लग गई। गनीमत यह रही बड़ा हादसा टल गया। बाड़मेर जिले के धोरीमन्ना व चौहटन इलाके में बारिश व ओलावृष्टि से किसानों को भारी नुकसान हुआ है। मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक आगामी 24 घंटे आसमान में बादल छाए रहने की उम्मीद जता रहा है।
ढाणी में बैठे चाचा-भतीजी, खेत से घर जा रहा था बुजुर्ग, तीनों की मौत
जिले में बेमौसम बारिश, ओलावृष्टि और आकाशीय बिजली ने कहर बरपा दिया। सिणधरी कस्बे से करीब 15 किलोमीटर दूर महादेव नगर (अरनियाली) गांव में चाचा व भतीजी घर के आंगन में काम कर रही थी। इस दौरान दोनों पर बिजली गिर गई। इससे दोनों गंभीर रूप से घायल हो गए। परिवार व आसपास के लोग आनन-फानन में सिणधरी के प्राइवेट हॉस्पिटल में लेकर आए। वहां पर डॉक्टरों ने दोनों को मृत घोषित कर दिया। परिवार के लोग दोनों के शव को वापस घर पर ले गए। पुलिस हॉस्पिटल से घटना स्थल पहुंची है। परिवार के लोगों से समझाने का प्रयास किया जा रहा है। सिणधरी थानाधिकारी सुरेंद्र कुमार के मुताबिक बिजली गिरने से चाचा खेराजराम (22) पुत्र भंवराराम और 5 साल की भतीजी कुमारी लक्ष्मी पुत्री बींजाराम निवासी महादेव नगर अरनियाली की मौत हो गई। सदर थाना इलाके के चवा गांव के इद्रा कॉलोनी में शनिवार शाम को आकाशीय बिजली गिरने से बुजुर्ग की मौत हो गई। सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची पुलिस ने डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल पहुंचाया। वहां पर डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। पुलिस रात को शव को मोर्चरी में रखवाया है। सदर थानाधिकारी किशनसिंह चारण के मुताबिक चवा गांव में खेत से घर जा रहे बुजुर्ग शेराराम पुत्र हनुमानराम की रास्ते में आकाशीय बिजली गिरने से मौत हो गई।
बिजली गिरने से कच्चे मकान में लगी आग
पादरू कस्बे के कालान सरा गांव शनिवार देर शाम को अचानक कच्चे मकान में बिजली गिर गई। गनीमत यह रही है कि घर में उस समय कोई नहीं था। इससे बड़ा हादसा टल गया। आसपास के लोगों ने मौके पर पहुंचकर रेत व पानी डालकर आग पर काबू पाया।
सबसे ज्यादा नुकसान धोरीमन्ना व चौहटन इलाके में
बारिश व ओलावृष्टि से किसानों के अरमानों पर पानी फिर गया। जीरे व ईसबगोल की पकी पकाई फसलें कई गांवों में पूरी तरह नष्ट हो गई है। इससे किसानों को लाखों रुपए का नुकसान होने की संभावना है। बाड़मेर जिले में रबी सीजन में जीरे की 1 लाख 80 हजार हेक्टेयर व ईसबगोल की 1 लाख 30 हजार हेक्टेयर में बुवाई हो रखी है। ऐसे में ओलावृष्टि से किसानों को फसलें तबाह हो गई। ओलावृष्टि सबसे ज्यादा धोरीमन्ना, चौहटन व बाड़मेर इलाके के गांवो में हुई है।
जीरे व ईसबगोल में 70-80 फीसदी नुकसान
बाड़मेर जिले के बाछड़ाऊ, लीलसर, ईशरोल, पोकरासर, नेतराड़, तारातरा, आंटिया, मांगता, नोखड़ा, रामदेरिया, सादुलानियों का तला, जाखड़ो की ढाणी, सनावड़ा, मूढों की ढाणी, बायतु व गिड़ा इलाके में रबी की फसलों में भारी नुकसान हुआ है। स्थानीय प्रशासन ने बेमौसम बारिश व ओलावृष्टि से 70 से 80 फीसदी तक नुकसान की संभावना जताई है। साथ ही फसल खराबे की रिपोर्ट के लिए सभी तहसीलदार को निर्देश दिए है। किसानों के मुताबिक बेमौसम अचानक हुई बारिश ने किसान के अरमानों पर पानी फेर दिया है। बारिश व ओलावृष्टि से प्रभावित किसानों का कहना था कि ओलावृष्टि से जीरे की फसल को सर्वाधिक नुकसान हुआ है।