बाराबंकी जिले के देवा शरीफ़ दरगाह में धूम धाम से खेली गई होली

न्यूज़ वाणी

बाराबंकी जिले के देवा शरीफ़ दरगाह में धूम धाम से खेली गई होली

शाह आलम वारसी

देवा शरीफ़ उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से 42 किलोमीटर दूर स्थित हज़रत हाजी हाफिज़ वारिस अली शाह रहमतुल्लाह अलैह देवा शरीफ दरगाह के बारे में, जो भारत में अपने तरह का इकलौती दरगाह है। जहां रंगों का कोई मजहब नहीं होता, न ही रंगों की कोई जात होती है, पर जब यही रंग अपने सफर पर निकलते हैं तो इंसान के भीतर कुछ जिंदा हो उठता है। आज हम आपको उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से सिर्फ 42 किलोमीटर की दूरी पर स्थित एक ऐसे दरगाह के बारे में बताने जा रहे हैं, जो हिंदू-मुस्लिम एकता की बेमिसाल पहचान है। उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले में स्थित देवा शरीफ में हर साल होली मनाई जाती है।जो की इस वर्ष भी होली खेली गई होली खेलना शुरू दोपहर 11:30बजे से लेकर 1बजे तक रहा हैं बड़ी धूम धाम से खेली गई यह हिंदुस्तान की एकमात्र ऐसी दरगाह है जहां होली का पर्व धूमधाम से मनाया जाता है।देवा शरीफ एक ऐतिहासिक हिन्दू-मुस्लिम धार्मिक स्थल है। यहां कौमी एकता की पहचान हज़रत हाजी हाफिज़ वारिस अली शाह रहमतुल्लाह अलैह की दरगाह है। जहां होली के दिन रंग गुलाल के साथ ही साथ नारे तकबीर नारे रिसालत य़ा अली य़ा हुसैन य़ा वारिस अल्लाह वारिस के नारों के बीच दरगाह के आंगन में जश्न मनाया जाता हैं कौमी एकता गेट पर पुष्प के साथ चादर का जुलूस निकाला जाता है। इसमें आपसी कटुता को भूलकर दोनों समुदाय के लोग भागीदारी करके संत के ‘जो रब है, वही राम है’ के संदेश को पुख्ता करते हैं।इस मौके पूरे दुनिया के कोने कोने से लोग ज़ियारत करने आते हैं!!

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