होली के रंग में सराबोर कवि सम्मेलन आयोजित’ -सम्मानित किए गए चौनल फेम युवा कवि

हथगाम/फतेहपुर। नगर के मीडिया हाउस आशा लाइब्रेरी में होली के रंग में सराबोर कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया जिसमें कौशांबी, बाराबंकी सहित जनपद के कवियों ने भाग लिया।इस मौके पर दो युवा कवियों को वाह-वाह टीवी चौनल में काव्य पाठ करने के कारण हिंदी उर्दू अदबी संगम की ओर से शाल एवं प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। काव्य समारोह की अध्यक्षता विचारक अनिल कुमार शुक्ल ने की जबकि मुख्य अतिथि के रूप में पूर्व प्रधान बहेरा सादात एवं वरिष्ठ पत्रकार शहंशाह आब्दी रहे। शहंशाह आब्दी, अनिल कुमार शुक्ल, निवर्तमान बाजपेई अंजनी किशोर बाजपेई आदि अतिथियों ने कौशांबी से आए आशीष कवि गुरू एवं बाराबंकी के कवि आकाश उमंग को शाल एवं प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया। इन दोनों युवा कवियों ने हाल ही में वाह-वाह टीवी चौनल मुंबई में प्रस्तुति देकर प्रदेश का नाम रोशन किया।कवि सम्मेलन का शुभारंभ युवा कवि नीलेश मौर्य ने सरस्वती वंदना से की। उन्होंने अनेक उत्कृष्ट छंद सुना कर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। चौनल फेम कौशांबी के आशीष कवि गुरू ने सुनाया-तितलियों की मोहब्बत नहीं चाहिए, मछलियों की मोहब्बत नहीं चाहिए, शेर हैं यार हम शेरनी ही मिले, बकरियों की मोहब्बत नहीं चाहिए। बाराबंकी से आए हास्य कवि आकाश उमंग ने सुनाया-ये तुमको प्यार में बुड्ढा बना के छोड़ेंगी, करोगे इश्क तो कूड़ा बना के छोड़ेंगी, ये जितनी लैला हैं सब हैं बेवफा यारो, ये तुमको लूटकर कुत्ता बना के छोड़ेंगी। कवि एवं शायर शिव शरण बंधु ने अपनी रचनाओं का लुत्फ दिया-इश्क की भूख सताती है सभी को यारो, चाहते सब हैं कोई चांद सितारा मिल जाए, बेवफा है वो मुझे इसकी खबर है लेकिन, जान भी दे दूं अगर उसका इशारा मिल जाए। घर लूटो या ट्रेन को, कुछ भी लूटो यार, बस वर्दी की झलक से, झट हो जाओ फरार..बाद में फिफ्टी फिफ्टी। हिंदी के जाने-माने कवि राजेंद्र यादव ने गीत सुनाकर सबकी सराहना बटोरी। शिवम हथगामी युवा कवि ने संचालन के साथ-साथ अपनी रचनाओं से उपस्थित श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया-जिंदगी की थकन उतारेंगे, कब्र में जब बदन उतारेंगे, एक दिन वो भी आएगा साहब, लोग तन से कफन उतारेंगे। युवा शायर अनुज साहू शम्स -कैसे रहता है बंद कमरे में, मौत जैसा है बंद कमरे में, मैं नहीं हूं मगर मेरे जैसा कोई रहता है बंद कमरे में। शिव सिंह सागर -सोचा था उसके साथ में भी खेल खेलूंगा नजरों की गेंद से वो मगर बोल्ड कर गई। पंडित आशू शर्मा-बड़ी मुश्किल से अपने दिल का हाल लिखता हूं,जब भी लिखता हूं कमाल लिखता हूं। इस मौके पर, अभिनेता वसीक सनम, पप्पू कश्यप, भुवनेश बाजपेई, रेहान हुसैन, आशा बंधु, जिला सूचना अधिकारी पॉवेल बंधु आदि अनेक विशिष्ट लोग मौजूद रहे। अनिल कुमार शुक्ला ने कहा कि हथगाम एक जीवंत कस्बा है और हमारे कवि इसको हमेशा जीवंत रखते हैं।

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