यूपी में किसानों को कर्ज के बोझ से मुक्ति दिलाने के लिए शुरू की गई ऋण माफी योजना अगले वित्तीय वर्ष में भी जारी रहेगी। हालांकि, इस योजना में किए गए बजटीय प्रावधान में कुछ कटौती हो सकती है। चालू वित्तीय वर्ष में कर्ज माफी योजना के लिए 2000 करोड़ रुपये का बजटीय प्रविधान किया गया था। अगले वित्तीय वर्ष में इसे एक हजार करोड़ के आसपास रखा जा सकता है। कृषि बजट के लिए कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग द्वारा शुरू की गई तैयारियों के शुरुआती क्रम में इस बात के संकेत मिले हैं। इसके अलावा कृषि विभाग अगले बजट में कुछ नई योजनाओं की भी शुरुआत भी कर सकता है।
कर्ज माफी योजना से जुड़े हित का दायरा खासा व्यापक देते हुए इसे अगले वर्ष जारी रखने पर तकरीबन सहमति बन चुकी है। इस वर्ष कृषि ऋण माफी योजना को लागू करने के क्रम में जो आंकड़े सामने आए थे, उससे यह स्पष्ट हो गया था कि मात्र दो हजार करोड़ से किसानों की समस्या का समाधान नहीं होगा। राज्य में किसानों के ऊपर करीब 5800 करोड़ का कर्ज है।
इसके अलावा तमाम किसान एनपीए के दायरे में भी आ चुके हैं, जिन्हें इस वर्ष इस योजना का लाभ नहीं मिला है। ऐसे में इस योजना को अगले वित्तीय वर्ष जारी रखने पर कहीं कोई संशय नहीं है। ऋण माफी के अलावा वर्तमान वित्तीय वर्ष की मुख्यमंत्री पशुधन योजना सहित अन्य तमाम योजनाओं को भी अगले वित्तीय वर्ष में भी जारी रखा जाएगा। कृषि विभाग भगवान बिरसा मुंडा और जयपाल ङ्क्षसह मुंडा के नाम पर कुछ नई योजनाओं को भी शुरू कर सकता है।