फतेहपुर। रिजर्व पुलिस लाइन में चल रही सप्ताहिक श्रीमद् भागवत महापुराण की पावन कथा के तृतीय दिवस में कथा वाचक पं० शिवाकांत जी महाराज ने सती चरित्र की कथा सुनाते हुए कहा कि अपने पति भगवान शिवजी के मना करने पर भी देवी सती अनाहुत बिना बुलाए अपने पिता दक्ष के यहां गई। अंत में उन्हें प्राणों की आहुति देनी पड़ी।
कथा को आगे बढ़ाते हुए व्यास जी ने ध्रुव चरित्र के प्रसंग में बताया कि राजा उत्तानपाद के दो पत्नियां थी। एक का नाम सुनीति और एक का नाम सुरुचि था। जो स्त्री उचित अनुचित का विचार करके नीति पूर्ण कार्य करती है। उसके सदैव ध्रुव विश्वास रूपी पुत्र पैदा होता है जो स्वयं तो बैकुंठ ज्यादा ही है साथ में माता-पिता को भी बैकुंठ गामी बना देता है और जो स्त्री उचित अनुचित का बिना विचार करके अपनी रूचि के अनुसार कार्य करती है उसके सदैव उत्तम अंधकार रूपी पुत्र पैदा होता है जो स्वयं तो नर्क जाता ही है साथ में माता-पिता को भी नर्कगामी बनाता है इसलिए समस्त स्त्री जाति को सुनीत से प्रेरणा लेनी चाहिए। अंत में व्यास जी ने बड़े ही मार्मिक ढंग से भक्त प्रहलाद चरित्र की कथा सुनाई। कार्यक्रम आयोजक प्रधान यजमान पुलिस अधीक्षक राजेश कुमार सिंह, अपर पुलिस अधीक्षक विजय शंकर मिश्रा, प्रतिसार निरीक्षक अशोक कुमार पांडेय, रिजर्व पुलिस लाइन क्षेत्राधिकारी प्रगति यादव, प्रदीप गर्ग, अशोक तपस्वी, अभिषेक द्विवेदी, विपिन बिहारी शरन, रामनाथ द्विवेदी, प्रदीप तिवारी, अचल सिंह, सुमित द्विवेदी, राधेश्याम हयारण, संगीता द्विवेदी, आशा त्रिपाठी, माया गुप्ता, विनोद शुक्ला भी मौजूद रहे।