यूपी में मौसम के उलटफेर का सिलसिला जारी है। मौसम विभाग ने शनिवार को प्रदेश के 33 जिलों में बारिश और ओलावृष्टि का अलर्ट जारी किया है। वहीं, शुक्रवार देर शाम ललितपुर और झांसी में ओले गिरे। ललितपुर में 30 मिनट में इतने ओले गिरे कि जमीन पर सफेद चादर की परत जम गई।
यहां बेर की साइज के ओले गिरने से खेत में काम कर रहे 5 किसान घायल हो गए। वहीं, फसलों का भी नुकसान हुआ। इसके बाद नाराज किसान ओले को बोरे में भरकर ललितपुर डीएम ऑफिस ले गए। वहां अफसरों ने तुरंत फसल नुकसान के सर्वे के निर्देश दिए। वहीं, झांसी में भी कई इलाकों में ओलावृष्टि हुई।
मौसम विभाग ने अनुमान जताया है कि अगले 4 दिन यानी 22 मार्च तक यूपी का मौसम ऐसा ही उलटफेर भरा रहेगा। शुक्रवार को 36.2°C के साथ वाराणसी सबसे गर्म जिला रहा है। वहीं, 16.3°C के साथ बरेली सबसे ठंडा शहर रिकॉर्ड किया गया।
लखनऊ में अधिकतम तापमान 27.2 °C और न्यूनतम तापमान 20.6°C दर्ज किया गया। इससे पहले शुक्रवार लखनऊ, प्रयागराज और आगरा में बादल छाए हैं। शुक्रवार को लखनऊ, आगरा और अयोध्या में भी बारिश हुई थी।
यूपी में इस सीजन में अब तक की सबसे बड़ी ओलावृष्टि ललितपुर में हुई। यहां बारिश और ओले गिरने से 10 से अधिक किसान घायल हो गए। 5 को तो अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। दुर्जनपुरा गांव निवासी कल्याण सिंह चोटिल होने से अस्पताल में भर्ती हैं।
उन्होंने कहा, “खेत में मटर की फसल काट रहे थे। अचानक तेज ओले गिरने लगे। बचने के लिए कोई साधन नहीं था। ओले हमारे सिर पर गिर रहे थे। ऐसे में हम लोगों ने फसल के गठ्ठे सिर पर रखकर अपनी जान बचाई। मवेशी खेत पर ही बंधे रहे। पूरी फसल ओले से खराब हो गई।
बारिश और ओले गिरना बंद होने के बाद दुर्जनपुरा गांव में एंबुलेंस कॉल की गई। इस दौरान घायलों के साथ ही कुछ किसान ओले को बोरी में भरकर एंबुलेंस में ले गए। पहले अस्पताल फिर डीएम ऑफिस पहुंच गए। फसलों के नुकसान को लेकर किसान परेशान थे। डीएम ने SDM और लेखपाल की टीम भेजकर फसलों के नुकसान के सर्वे करने के निर्देश दिए हैं।
झांसी में गांव में शुक्रवार शाम को करीब 10 मिनट तक तेज ओलावृष्टि हुई। यहां बेदौरा, पृथ्वीपुरा, नयाखेड़ी, घिसौली, हीरापुरा, ग्वावली समेत अन्य गांवों में तेज ओले गिरे और बारिश हुई। झांसी के बेदौरा गांव के रहने वाले होती सिंह राजपूत ने बताया कि शुक्रवार शाम खेत में काम कर रहे थे। अचानक बारिश के साथ ओला गिरने लगा। करीब 5 से 10 मिनट तक तेज बारिश के साथ ओले गिरे। इससे फसल को बहुत नुकसान हुआ है।
एक्सपर्ट के मुताबिक, मौसम में बदलाव से लोगों को गर्मी से जरूर राहत मिलेगी। लेकिन, पकने की कगार पर खड़ी रबी की फसलों को नुकसान होगा। पश्चिमी विक्षोभ, पुरवा और पछुआ हवाओं के मिलने से मौसम में यह बदलाव हुआ है।
एक तरफ बारिश होने से लोगों को गर्मी से राहत मिली है। वहीं, किसानों की चिंता बढ़ गई हैं। किसान इस समय आलू की खुदाई कर रहे हैं। सरसों की फसल भी पककर तैयार है, लेकिन बारिश से किसानों की उम्मीदों को नुकसान हो सकता है। किसानों का कहना है कि अगर बारिश होती है, तो आलू खेत में ही सड़ जाएगा। सरसों की बाली भी टूटकर जमीन पर गिर जाएगी।
कृषि विभाग ने बदलते मौसम को देखते हुए किसानों के लिए एडवाइजरी जारी की है। किसानों को सिंचाई न करने की सलाह दी गई है। इसके साथ ही कटी हुई फसल को सुरक्षित स्थान पर पहुंचा दें। बुवाई, कीटनाशक दवा का छिड़काव भी न करें। आंधी-बारिश से फसल गिरने की आशंका है। बारिश ज्यादा हुई, तो सरसों की फसल को अधिक नुकसान हो सकता है।