गांव के विकास से ही भारत बन सकेगा विश्व गुरू: प्रशांत – विज्ञान शिक्षा से ग्रामीण क्षेत्र का विकास विषय पर हुआ दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार
जहानाबाद/फतेहपुर। श्री शक्ति डिग्री कॉलेज में विज्ञान शिक्षा से ग्रामीण क्षेत्र का विकास विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया गया। जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में आईआईएम नागपुर के वरिष्ठ प्रोफेसर एवं विद्या भारती उच्च शिक्षा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रोफेसर प्रशांत गुप्ता ने हिस्सा लिया। कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथि समेत अध्यक्ष वरिष्ठ समाजसेवक एवं पत्रकार बृजेंद्र प्रताप सिंह, आईआईटी कानपुर के वरिष्ठ वैज्ञानिक प्रोफ़ेसर समीर खांडेकर व मास्को के एरोनॉटिकल वैज्ञानिक वैभव वरुण तथा कालेज प्रबंध तंत्र ने दीप प्रज्जवलित कर किया।
प्रोफेसर प्रशांत गुप्ता ने कहा कि गांव के विकास से ही भारत विश्व गुरु बन सकेगा। ग्रामीण क्षेत्र के विकास के लिए क्षेत्र के युवाओं को तकनीकी एवं शारीरिक तथा आर्थिक रूप से मजबूत करना होगा। उन्होंने स्थानीय स्तर पर कृषि एवं पशुपालन डेयरी आदि लघु उद्योगों को बढ़ावा देने की बात कहते हुए विज्ञान शिक्षा के प्रति लोगों में व्याप्त डर को दूर करते हुए विज्ञान शिक्षा को रोचक और आसान तरीकों की खोजने की बात कही। साथ ही स्थाई विकास के लिए आर्थिक समृद्धि के साथ-साथ नैतिक शिक्षा को जरूरी बताया। आईआईटी कानपुर के वरिष्ठ वैज्ञानिक प्रोफ़ेसर समीर खांडेकर ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र के विकास के लिए स्थानीय लोगों को ही आगे आना होगा क्योंकि वह लोग ही ग्रामीण क्षेत्रों की समस्या को बेहतर तरीके से समझते हैं। उन्होंने विज्ञान शिक्षा को नैतिक शिक्षा के बिना ग्रामीण क्षेत्र के विकास के लिए अधूरा बताया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे बृजेंद्र प्रताप सिंह ने वर्षा के जल संचयन को ग्रामीण विकास से जोड़ते हुए छात्रों से आवाहन किया कि प्रत्येक छात्र सरकार की ग्रामीण विकास से जुड़ी अलग-अलग एक योजना को ग्रामवासियों तक पहुंचाएं। मास्को के एयरोनॉटिकल साइंटिस्ट वैभव वरुण ने ड्रोन की मदद से ग्रामीण क्षेत्र में कृषि को बेहतर करने का सुझाव दिया। इसके अतिरिक्त झारखंड एवं मध्य प्रदेश से आए शिक्षाविदों ने भी अपने विचार रखे। स्वागत लेफ्टिनेंट विवेक त्रिवेदी एवं प्रबंधक विनय त्रिवेदी ने किया। संचालन गीतेंद्र शरण लाल ने किया। इस अवसर पर डॉ मृदुलेश सिंह कटियार, डॉक्टर पारिजात सिन्हा, निरंजन स्वरूप, अमित बाजपेई, नवीन वर्मा, गोपाल कृष्ण, शिवशरण वर्मा, श्यामजी शुक्ला, डॉ देवेश द्विवेदी, जय किशोर वर्मा, सुभाष सिंह, डॉ संध्या सचान, पुनीत द्विवेदी व सत्येंद्र कुमार अग्निहोत्री मौजूद रहे।