मिड डे मील का खाना खाने के बाद बर्तन धोने को मजबूर नौनिहाल

 

ब्यूरो चीफ मुन्ना बक्श
नरैनी/बांदा।उत्तर प्रदेश में आए दिन शिक्षा विभाग और बाल विकास विभाग की लापरवाही के मामले सामने आ रहे हैं। बाँदा के एक स्कूल से भी ऐसा ही मामला सामने आया है जहां बच्चों के हाथ में किताब की जगह बर्तन दिखाई दे रहे है। मिड डे मील खाने के बाद यहां बच्चे खुद ही अपने बर्तन धुलते हैं।मामला नरैनी के ग्राम पंचायत परसहर के शासकीय माध्यमिक स्कूल का है।
जिले के नरैनी के ग्राम पंचायत परसहर के शासकीय माध्यमिक स्कूल से शिक्षा को शर्मसार करने वाला एक मामला सामने आया है, जहां बच्चों के हाथों में किताबों की जगह बर्तन नजर आ रहे हैं।इन बच्चों को भोजन करने के बाद खुद ही अपने बर्तन धुलने पड़ते हैं।उत्तर प्रदेश में इस तरह के मामले पहले भी आ चुकें है, लेकिन फिर भी ये लापरवाही बंद होने का नाम नहीं ले रही है। ऐसे मामलों पर कोई सख्त एक्शन नहीं लिया जा रहा है।परसहर के इस सरकारी स्कूल में मिड डे मील खाने के बाद भोजन करने के बाद बच्चों को खुद ही बर्तन धोने पड़ते हैं।
शिक्षा के अधिकार के तहत स्कूल आने वाले बच्चों को नियमित रूप से मिड-डे मील आहार तो मिल रहा है, लेकिन कहीं इसमें कीड़े निकल रहे हैं, तो कहीं पर इन नौनिहालों से बर्तन धुलवाए जा रहे हैं। सरकार नारा दे रही है कि पढ़ेगा इंडिया तो बढ़ेगा इंडिया लेकिन जिले के सरकारी स्कूलों में मिड डे मील ग्रहण करने के बाद नौनिहाल बर्तन धोने को मजबूर हैं।
ग्राम प्रधान चंद्रभान यादव परसहर बताते है गांव में स्थित प्राथमिक विद्यालय में बच्चों से बर्तन के अलावा अध्यापक झाड़ू व फावड़ा चलवाने से भी नहीं हिचकते कई बार अध्यापकों को बच्चों से काम करवाने पर अध्यापकों को रोका गया लेकिन अध्यापक अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे है।
वहीं स्कूल के छात्रों का कहना है कि यह कोई पहला मौका नहीं कि उन्हें बर्तन साफ करने पड़ रहे हों. बल्कि वह जब से स्कूल में पढ़ रहे है, तभी से उन्हें अपने खाने के बर्तन स्कूल में धोना पड़ रहा है।

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