ड्रगवाली आंटी का बेटा यश हुआ गिरफ्तार रेप-ड्रग्स केस में दिल्ली मे पुलिसे ने पकड़ा

 

इंदौर पुलिस ने नशा बेचने के आरोप में 2 साल पहले गिरफ्तार हुई प्रीति जैन उर्फ ड्रगवाली आंटी के बेटे यश जैन को दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया है। यश जैन प्रीती जैन के गिरफ्तार होने के बाद से फरार था। इंदौर पुलिस ने उसे दिल्ली से गिरफ्तार किया है। यश जैन पर एमडीएमए, ब्राउन शुगर बेचने और बलात्कार का केस दर्ज था।

इंदौर विजय नगर थाने के टीआई रविंद्र गुर्जर ने बताया कि आरोपी यश जैन पर 20 हजार का इनाम घोषित कर रखा था। पुलिस ने यश जैन इंदौर कोर्ट में पेश कर रिमांड पर लिया है। पुलिस के अधिकारी और चार पुलिस कर्मचारी निजी वाहन में यश को लेकर मनावर पहुंचे। उन्होंने मनावर में यश के घर पर पिता के साथ करीब 1 घंटे चर्चा की, फिर इंदौर लौट गए।

बीते दिनों क्राइम ब्रांच को पता चला था कि यश दिल्ली में मां के दोस्त के यहां किराए के मकान में रह रहा था। आरोपी यश जैन दिल्ली में नशा गैंग से जुड़े साथियों के पास रहकर फरारी काट रहा था। आरोप है कि यश युवतियों के जरिए पब-बार में आने वाले रईस परिवार के युवकों को अपने जाल में फंसाकर नशे का आदी बना देता था। दिल्ली व नाइजीरियन से ड्रग्स लाने की बात सामने आई थी। पुलिस इसे लेकर लगातार पूछताछ कर रही है। मामले में यश की मां अभी जबलपुर जेल में बंद है।

प्रीति जैन वैसे तो पूणे की रहने वाली थी, लेकिन धार जिले के कुक्षी तहसील में शादी होने के बाद उसके संबंध यहां से जुड़ गए। हद से ज्यादा महत्वाकांक्षी और बड़े-बडे़ सपने देखने वाली प्रीती जैन की शादी के कुछ समय बाद पति से अनबन होने लगी। उसे जब लगा कि वह अपने सपने यहां पूरे नहीं कर पाएगी, तो उसने पति को छोड़ दिया। वह बेटे यश को लेकर इंदौर आ गई। यहां उसकी मुलाकात मनावर व मंदसौर के ड्रग्स सप्लायरों से हुई। इनकी लग्जरी लाइफ देखकर उसको पैसा कमाने का ये तरीका ठीक लगा। अंग्रेजी से एमए की डिग्री लेने वाली प्रीती जैन अपनी पढ़ाई के दम पर तो कुछ खास कमा नहीं पाती, इसलिए उसने शॉर्ट कट का ये तरीका अपनाया।

प्रीती जैन ड्रग्स की अपनी काल कमाई अपने ऐशोआराम को पूरा करने में खर्च करती थी। 2 साल पहले जब पुलिस ने उसके बंगले पर छापा मारा था, तो वहां से उन्हें एक हजार जोड़ी ड्रेस मिली थीं। उसमें उसके 250 जोड़ी लहंगा चुनरी थीं। प्रीती जैन को फॉरेन टूर का भी बहुत शौक था। मलेशिया, दुबई, थाईलैंड, बैंकॉक उसके पसंदीदा‌ डेस्टिनेशन में से थीं। जब भी उसे अपने दोस्तों के साथ पार्टी के लिए जाना होता था, तो प्रीति अधिकतर इन्हीं देशों को चुना करती थी।

ड्रगवाली आंटी का ड्रग्स का जलवा केवल इंदौर या आसपास के इलाके तक ही सीमित नहीं था। उसने बेटे यश जैन के जरिए अधिकांश टूरिस्ट स्पॉट्स को भी कवर कर रखा था। मुंबई-गोवा और दिल्ली के अलावा शहर के आसपास के टूरिस्ट स्पॉट्स पर भी ये हाई-प्रोफाइल युवक-युवतियों के समूह को पार्टियों में नशा उपलब्ध कराती थी।

ड्रगवाली आंटी ने एसआईटी की पूछताछ में बताया था कि ज्यादातर पबों में इसी तरह ग्राहकों को फंसाया जाता था। इसके लिए बकायदा लड़कियों को मुफ्त की शराब, कोकीन, एमडीएमए जैसे ड्रग्स मुहैया करवाया जाता था। पब संचालक तो ऐसी लड़कियों को उनके पब में आने के लिए मनुहार करते थे। एसआईटी की पूछताछ में साजिया, अफीन, निवेदिता, श्रुति जैसी एक दर्जन लड़कियों के नाम सामने आए थे। इन लड़कियों की पब में फ्री एंट्री थी। वह अकेले बैठे-बैठे शराब के पैग लगाया करती थीं और उन युवाओं को खोजती थीं, जिसकी जेब में रुपए और शरीर पर जेवर ज्यादा हुआ करते थे।

ड्रगवाली आंटी हर शुक्रवार और शनिवार को फ्लाइट से दिल्ली जाया करती थी। दिल्ली में एयरपोर्ट के आसपास के इलाकों में नाइजीरियन इसे आसानी से ड्रग्स उपलब्ध करवा दिया करते थे, जिसके बाद वह टैक्सी के जरिए सड़क मार्ग से इंदौर आ जाया करती थी। रविवार को बार और रेस्टोरेंट में नशे की डिमांड अधिक होती हैं। इसलिए रात के अंधेरे में ही आंटी ग्राहकों तक इसे पहुंचा दिया करती थी।

जाने ड्रग्स की कीमत 

कोक – दिल्ली में 7 से 10 हजार रुपए प्रति ग्राम
एमडीएमए – दिल्ली में 3 से 5 हजार रुपए प्रति ग्राम

ड्रग्स वाली आंटी युवाओं को नशे की लत लगाकर खुद शानो शौकत की जिंदगी जीती रही थी। इस बार न्यू ईयर का जश्न वह अपने ब्वाॅयफ्रेंड और दोस्तों के साथ दुबई में मनाने वाली थी। ट्रैवल एजेंट से बात करके ट्रिप की पूरी प्लानिंग हो चुकी थी। 31 दिसंबर को ये लोग यहां से रवाना हो जाते, लेकिन आंटी के पुलिस गिरफ्त में आ जाने से सारा खेल बिगड़ गया।

इंदौर में ड्रग्स का कारोबार धड़ल्ले से फलफूल रहा था, पुलिस को ड्रग्स के सप्लाई होने की जानकारी मिली। इंदौर पुलिस ने यह तय किया इसकी तह तक जाना है। पुलिस को शुरुआत में कुछ खास सफलता नहीं मिली, फिर उन्होंने अपने प्लान में बदलाव किया। उन्होंने अपने साथ जोड़ा एसआई प्रियंका को। प्रियंका ग्राहक बनकर ड्रग पैडलकर के पास गईं, लेकिन शुरूआत में कुछ खास नहीं हो पाया। एसआई प्रियंका उसके बाद भी लगातार 10 दिन तक ड्रग पैडलकर से मिलती रहीं। ड्रग पैडलर को यह लगा कि प्रियंका ड्रग एडिक्ट हैं, उसने उन्हें ड्रग्स के नेटवर्क में शामिल कर लिया। पैडलर किसी बिना जान पहचान ड्रग्स नहीं दिया करते हैं।

प्रियंका की जांच में यह बात सामने आई कि ड्रग्स की सप्लाई जिम के जरिए भी रही है। जिम ट्रेनर धीरज सोनतिया के रूप में इंदौर पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगी। वह वर्कआउट के लिए आने वाले लोगों को वजन कम करने नाम पर दवा के नाम पर ड्रग्स देता था।

पुलिस ने धीरज से पूछताछ की उसने कई और नाम बताए। पुलिस ने उसकी सूचना के आधार पर 2 युवतियों समेत 6 पैडलरों को गिरफ्तार किया। इन सब आरोपियों की पूछताछ में एक नाम कॉमन था। उसे वह ड्रगवाली आंटी कहकर बुला रहे थे, जो स्कीम-78 में रहती थी। पुलिस ऐसे ड्रगवाली आंटी तक पहुंची।

 

Leave A Reply

Your email address will not be published.