दाने-दाने को मोहताज हुए लोग, आटे-दाल के लिए दांव पर लगा रहे जान

 

 

पूरी दुनिया में रमजान का पाक महीना शुरू हो चुका है, लेकिन पाकिस्तान में इसने कोहराम मचा दिया है. पहले ही पाकिस्तान दाने-दाने को तरस रहा था और अब रमजान के शुरू होते खाने-पीने के सामान के दामों में आग लग गई है. मुफ्त आटे की आस में भीड़ में भगदड़ मच रही है और रमजान के महीने में पाकिस्तान में लोगों की जान जा रही है.

पाकिस्तानी मीडिया की रिपोर्ट्स के मुताबिक, रमजान के महीने में नागरिक महंगाई से परेशान हैं. खाने-पीने के सामान की किल्लत भी साफ देखने को मिल रही है. पाकिस्तानी नागरिक बता रहे हैं कि हर दूसरे दिन सब्जियों के दाम बढ़ रहे हैं और आटा महंगा होता जा रहा है. गरीब दाने-दाने को मोहताज है और हुकूमत कुछ नहीं कर रही है. पाकिस्तानी नागरिक शहबाज सरकार के शासन से बिल्कुल नाखुश हैं.

‘पाकिस्तान में 900 रुपये किलो हुआ खजूर’

22 करोड़ की आबादी वाले मुल्क की बड़ी आबादी को पिछले कई महीनों से दो वक्त की रोटी भी नसीब नहीं हो रही है. पाकिस्तान में खजूर के दाम भी आसमान छू रहे हैं. खजूर 900 रुपये किलो मिल रहा है. रमजान में खजूर की बिक्री इस बार न के बराबर हो रही है. पाकिस्तान के नागरिकों का कहना है कि पिछले साल खजूर का दाम 350-400 रुपये किलो था. लोगों ने कहा कि दिन का 500 रुपये कमाने वाला शख्स आधा किलो खजूर तक नहीं खरीद सकता है.

पाकिस्तान के एक बाजार का वीडियो भी सामने आया है. इस बाजार में मुफ्त आटे के लिए भारी भीड़ जुटी थी. भीड़ में महिला और पुरुष नजर आ रहे हैं, लेकिन किसी के हाथ में आटा नहीं लगा. वहीं, हालात इतने बिगड़ गए कि बाजार में भगदड़ मच गई, जिसमें एक बुजुर्ग की दर्दनाक मौत हो गई. कई लोग घायल भी हुए हैं. भगदड़ में घायल हुए लोगों का अब अस्तपाल में इलाज चल रहा है. हैरानी की बात है कि एक पैकेट आटे के लिए लोग जान दांव पर लगा रहे हैं.

‘हुक्मरानों को डूब मरना चाहिए’

पाकिस्तानी मीडिया को लोगों ने बताया कि “अगर आटे के पीछे किसी की जान जाती है तो हुक्मरानों को डूब मरना जाहिए.” लोगों ने कहा कि सरकार में बैठे लोग सिर्फ खुद की सोच रहे हैं न कि आम जनता की. ईद पर बकरे की कुर्बानी देने के लिए लोगों को पहले खुद की कुर्बानी देनी पड़ेगी. लोगों ने कहा कि शाम को जब घर पहुंचते हैं तो जेब खाली होती है.

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