पत्नी ने बालकनी से फेंके रिश्वत के 50 लाख, भतीजा गड्डियां उठा ले गया, CBI छापे के दौरान अफसर ने की थी खुदकुशी

 

विदेश व्यापार महानिदेशालय (DGFT) के संयुक्त निदेशक (जॉइंट डायरेक्टर) जवरीमल बिश्नोई ने 25 मार्च को अपने ऑफिस में CBI की तलाशी के दौरान खुदकुशी कर ली थी। इस घटना से जुड़ा एक वीडियो सामने आया है। वीडियो दफ्तर में तलाशी से एक दिन पहले 24 मार्च का है, जब CBI ने जवरीमल को रिश्वत लेते वक्त गिरफ्तार किया गया था।

वीडियो में घर की खिड़की से नोटों की गड्डियों से भरा बैग गिरता दिख रहा है। नीचे खड़ा एक युवक गड्डियों को बटोरता है और चला जाता है। CBI अफसरों ने बताया कि गड्डियां जवरीमल की पत्नी ने फेंकी थीं और नीचे खड़ा युवक जवरीमल का भतीजा था। CBI जांच कर रही है कि जवरीमल के पास इतना कैश कहां से आया।

जवरीमल को CBI ने कस्टडी में लिया था। अगले दिन उसके दफ्तर की तलाशी ली जा रही थी, तब जवरीमल ने चौथी मंजिल से कूदकर खुदकुशी कर ली थी।

VIDEO में क्या दिख रहा है?

वीडियो में 500-200 रुपए के नोटों से भरी एक पोटली नीचे आती दिख रही है। जवरीमल का भतीजा पोटली को लपकता है। कुछ गड्डियां बिखर जाती हैं। भतीजा इन गड्डियों को बटोरता है। CBI ने बताया कि जिस दिन जवरीमल को गिरफ्तार किया गया, उसी दिन रात करीब 10:42 बजे उसके फ्लैट से गड्डियां नीचे फेंकी गई थीं। इनमें 50 लाख रुपए थे। CBI ने कैश जब्त कर लिया है।

भाई का आरोप- CBI ने जवरीमल को मारा, हत्या का केस दर्ज हो

भाई संजय कुमार और दोस्त अभिषेक मिश्रा ने आरोप लगाया कि सीबीआई के अधिकारियों ने जवरीमल को मारा है। ऐसे में उनके खिलाफ हत्या का मामला दर्ज होना चाहिए। जवरीमल की खुदकुशी के बाद जिला स्तर के अधिकारी की मौजूदगी में शव का पोस्टमार्टम हुआ था। इसके बाद बिश्नोई का शव लेने के लिए परिजन तैयार हो गए थे।

परिजनों ने मांग रखी थी कि इस मामले की जांच जिला स्तरीय अधिकारी करें। इसके बाद राजकोट पुलिस ने वीडियोग्राफी करवाते हुए शव का रविवार शाम पोस्टमाॅर्टम करवाया। पोस्टमॉर्टम के बाद परिजन शव लेकर राजकोट से रवाना हो गए थे और सोमवार सुबह बीकानेर पहुंचे।

CBI ने 5 लाख की रिश्वत लेते जवरीमल को पकड़ा था

CBI में जवरीमल के खिलाफ रिश्वत लेने की शिकायत हुई थी। केन्द्रीय जांच एजेंसी ने मामले में कार्रवाई के लिए ट्रैप बिछाया था। शुक्रवार को जॉइंट डायरेक्टर बिश्नोई पांच लाख रुपए रिश्वत लेते पकड़े गए थे। मामला एक व्यापारी की 50 लाख की बैंक गारंटी माफ करवाने का था।

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