जाति प्रथा के विरुद्ध आज से निकलेगी महंत की भिक्षा यात्रा – सनातनियों को जाति छोड़ हिंदू बनने का देंगे पाठ – चार अप्रैल से शुरू होगी कलश यात्रा उसके बाद होगा शतचंडी महायज्ञ

फतेहपुर। जात-पात से ऊपर उठकर हिंदुओं को एक सूत्र में बांधने के उद्देश्य से स्वामी महंत गणेशदास जी महाराज की भिक्षा यात्रा आज से तीन दिवसीय यात्रा शुरू होगी। यात्रा पर महंत गणेशदास जी महाराज ने कहा कि आज हिंदू जातियों में बिखर रहा है। उन्होंने सभी से जात-पात भूलकर हिंदू बनने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि वो अपनी भिक्षा में रुपये, पैसे, आटा, दाल और चीनी के साथ ही सनातन धर्म की एकता मांग रहे हैं। इतना ही नहीं इस भिक्षा यात्रा के माध्यम से आज समाज में फैले भ्रष्टाचार, नशाखोरी, बेईमानी आदि जैसे अभिशाप को त्याग करने की भिक्षा मांगी जाएगी। साथ ही लोगों को समाज के प्रति सभ्य, जागरूक, एकजुट एवं सकारात्मक सोच के साथ एक सच्चे हिन्दू व अच्छे व्यक्ति बनने की भी भिक्षा मांगी जाएगी।
कार्यक्रम के बारे में आगे बताते हुए कहा कि मुझे साधु-संत समाज ने सनातन धर्म का प्रचारक बनाया है। जिसका मैं पूर्ण पालन करते हुए कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक हिंदू सनातन धर्म का प्रचार-प्रसार करूंगा जिसमें लोगों को एकजुट कर सनातनी होने का पाठ पढ़ाकर धर्म की राह पर लाने का कार्य करूंगा। महंत गणेशदास ने कहा कि अपने पैतृक गांव उमरा (भोगलपुर) से इस तीन दिवसीय यात्रा का शुभारंभ करूंगा जिसके उपरांत आगामी चार अप्रैल को ग्राम उमरा से कलश यात्रा निकाली जाएगी जो खागा नगर भ्रमण करते हुए नौबस्ता घाट तक जाएगी तत्पश्चात पांच अप्रैल से चौदह अप्रैल तक शतचंडी महायज्ञ का आयोजन होगा। जिसमें विख्यात प्रवचनकर्ता आचार्य संतोषदास जी महाराज का रोज प्रवचन पाठ होगा। मर्मज्ञ यज्ञाचार्य मधुरम जी महाराज के सानिध्य में यज्ञ-हवन का कार्य किया जायेगा। साथ ही कई अन्य विद्वान आचार्य एवं साधु-संत भी इस महायज्ञ में अपनी उपस्थिति दर्ज करेंगे। इसी क्रम में अपनी यात्रा के विषय में बताया कि ये भिक्षा यात्रा तीन दिवसीय होगी जो कि मंगलवार (आज) से उमरा से शुरू होकर भोगलपुर तक जाएगी तत्पश्चात बुधवार को ये यात्रा ब्राह्मणपुर एवं इस्कुरी ग्राम पंचायत जायेगी और तीसरे दिन गुरुवार को खासमऊ ग्राम पंचायत में तीन दिवसीय यात्रा एवं पांच गांव में भिक्षा यात्रा का समापन किया जायेगा। इस यात्रा के दौरान मिले सामग्री एवं धन से शतचंडी महायज्ञ के समापन पर भंडारा आदि कराया जायेगा। जिसमें सभी को आमंत्रित किया जायेगा। महंत गणेशदास जी महाराज ने इस पुनीत कार्यक्रम में आमजन से सहयोग व उपस्थिति की प्रार्थना की है।
इनसेट-
कौन हैं महंत गणेशदास जी महाराज
फतेहपुर। पण्डित विजय शर्मा उर्फ महंत गणेशदास जी महाराज ग्राम पंचायत उमरा (भोगलपुर) के मूल निवासी हैं। वर्तमान में रायबरेली जिले के डलमऊ में स्थित खड़ेश्वर धाम आश्रम के पीठाधीश एवं मुख्य ट्रस्टी हैं साथ ही आश्रम की विभिन्न शाखाओं के महंत हैं। इसके अलावा वेदांत अखाड़ा परिषद के सदस्य भी हैं।

Leave A Reply

Your email address will not be published.