खखरेरू/फतेहपुर। रमजान का पवित्र महीना धूप और गर्मी में जारी है। गर्मी की तीव्रता गर्म हवाओं के विपरीत सुबह उठते ही, प्यास का एहसास किए बिना नन्हे-मुन्ने बच्चों ने रोजा रखा। भूख और प्यास की शिद्दत बर्दाश्त कर बच्चों ने देश में आपसी भाईचारे के लिए भी दुआएं मांगी।
रविवार को भीषण गर्मी ने रोजेदारों का इम्तिहान लिया। कई छोटे-छोटे बच्चों ने छोटी सी उम्र में पहली बार रोजा रखा और साथ ही परिवार के बड़े लोगों ने भी हौसला बढ़ाया। शाम को रोजा के वक्त बच्चों के चेहरे पर खुशी की झलक रही थी। खखरेरू कस्बा निवासी इल्मा हसन पुत्री हसन इकबाल 8 वर्ष भूख और प्यास को बर्दाश्त करते हुए इल्मा हसन ने कहा कि मेरी मां मेरे लिए कई पकवान बनाए हैं और मुझे पहला रोजा रखकर बहुत अच्छा महसूस हुआ। मैं आगे भी इसी तरह छोटी सी उम्र में कोशिश करती रहूंगी। इस छोटी सी बच्ची ने यह साबित कर दिया कि वह इस मामले में अपने बड़ों से पीछे नहीं है। इतनी कम उम्र में इबादत का शौक कुछ भाग्यशाली बच्चों में ही देखा जाता है। बहुत खुशनसीब है उस बच्ची के माता-पिता जो अपनी संतान को हमेशा अच्छी सीख देते हैं। जिससे आगे चलकर छोटी बच्ची खानदान का नाम रोशन करेगी। कल जब बच्ची के पिता हसन इकबाल ने अपनी बेटी की फोटो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वायरल किया। तभी कई यूजर्स द्वारा बधाई वह छोटी बच्ची का हौसला अफजाई किया।