आधार कार्ड की तरह सोने का होगा 6 अंकों का कोड, आखिर क्यों पड़ी इसकी जरूरत

 

 

दिसंबर 2022 की बात है। मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में रोहन ने अपने नजदीकी ज्वैलर्स पत्नी के लिए ज्वेलरी खरीदी। कुछ दिनों बाद की जरूरत में वही ज्वेलरी बेचने पहुंचा, तो उसे आधी कीमत ही मिली। रोहन की ज्वेलरी में हॉलमार्क नहीं था, इसलिए उसकी शुद्धता की गारंटी भी नहीं थी।

1 अप्रैल यानी आज से कोई भी ज्वैलर बिना हॉलमार्क टैग के सोना नहीं बेच सकेंगे। अब सोने पर 6 अंकों का कोड दर्ज होगा। इस फैसले के बाद लोगों के मन में तरह-तरह के सवाल उठ रहे हैं। भास्कर एक्सप्लेनर में हम ऐसे 12 सवालों के जवाब दे रहे हैं…

सवाल 1: हॉलमार्क सोना क्या है और ये कौन तय करता है?
जवाब: आप ज्वैलर से जो सोना खरीद रहे हैं, वह शुद्ध है या नहीं है। इसकी शुद्धता की जांच भारतीय मानक ब्यूरो यानी BSI करती है। यह संस्था सोना, चांदी और दूसरे कीमती धातुओं से बने ज्वैलरी या कलाकृतियों की जांच करता है। अगर धातु शुद्ध है तो इसे एक मार्क दिया जाता है। इस पूरी प्रक्रिया को ही हॉलमार्क कहते हैं। अब भारत सरकार ने आदेश जारी कर कहा है कि बिना हॉलमार्क के सोने की बनी कोई चीज नहीं बेच पाएंगे।

सवाल 3: आखिर हॉलमार्क वाले सोने की जरूरत क्यों पड़ी?
जवाब
: भारत दुनिया में सोने का दूसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता है। पहले नंबर पर चीन है। ऐसे में लोग असली समझकर नकली या कम शुद्धता का सोना न खरीद लें। इसके लिए सोने की हॉलमार्किंग की जा रही है।

हॉलमार्क वाले सोने की पहचान करना काफी आसान होगा। ऐसा इसलिए क्योंकि जैसे आधार कार्ड पर 12 अंकों का कोड होता है, उसी तरह से सोने पर 6 अंकों का हॉलमार्क कोड होगा। इसे हॉलमार्क यूनिक आइडेंटिफिकेशन नंबर यानी HUID कहते हैं।

ये नंबर अल्फान्यूमेरिक यानी कुछ इस तरह से हो सकता है- AZ4524। इस नंबर के जरिए सोना को ट्रेस करके ये पता करना संभव होगा कि कोई सोना कितने कैरेट का है। ग्राहक ज्वेलरी खरीदने से पहले हॉलमार्क की जांच जरूर कर लें। देशभर में सोने पर ट्रेड मार्क देने के लिए 940 सेंटर बनाए गए हैं।

सवाल 4: हॉलमार्क वाले सोने को किन 4 तरीके से परखना आसान होगा?
जवाब: सोना कठोर धातु होता है, ऐसे में ज्वेलरी बनाने के लिए उसे लचीला बनाना जरूरी है। इसके लिए सोने में दूसरी धातुओं को मिलाया जाता है। जिस ज्वेलरी में जितना सोना होता है, वह उतना ही ज्यादा महंगा होता है। हॉलमार्क कोड जारी होने के बाद कोई ज्वेलरी कितना असली है या नकली, इस बात की इन 5 तरह से पहचान होंगी…

1. बीआईएस मार्क: हर ज्वैलरी पर भारतीय मानक ब्यूरो का ट्रेडमार्क यानी लोगो होगा।

2. कैरेट में प्योरिटी: हर ज्वैलरी की कैरेट या फाइनेंस में प्योरिटी होगी।

3. मान लीजिए सोने पर 22K916 लिखा है, इसका मतलब ये हुआ कि यह 22 कैरेट सोना है और यह 91.6% शुद्ध है।

4. सोने पर 18K750 लिखा है, इसका मतलब ये हुआ कि यह 18 कैरेट सोना है और यह 75% शुद्ध है।

5. सोने पर 14K585 लिखा है, इसका मतलब ये हुआ कि यह 14 कैरेट सोना है और यह 58.5% शुद्ध है।

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