रोज़ेदार और जन्नत का दरवाज़ा रय्यान

फतेहपुर। हाफिज आजम खान ने कहा कि रमज़ान एक बहुत ही पवित्र और बरकत वाला महीना है। अल्लाह तआला ने इस महीने में अपने बंदों पर रोज़ा फ़र्ज़ फ़रमाया है। रोज़ा एक बहुत महत्वपूर्ण इस्लामी इबादत है। दुनिया और आख़िरत में इसके कई लाभ हैं। वैसे तो सारी इबादतें अल्लाह तआला के लिए ही हैं, लेकिन रोज़े की अहमियत व फज़ीलत को उजागर करने के लिए अल्लाह तआला ने फ़रमाया कि रोज़ा मेरे लिए है और इसका अज्र मैं दूंगा। अब अल्लाह क्या अज्र देगा, मनुष्य की बुद्धि इसका अनुमान नहीं लगा सकती।
रोज़े की अहमियत का अंदाज़ा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि अल्लाह तआला ने रोज़ा रखने वालों के लिए जन्नत में एक ख़ास दरवाज़ा तैयार कर रखा है जिसे “रय्यान” कहा जाता है। इससे केवल रोज़ेदरों को ही प्रवेश की अनुमति मिलेगी। हज़रत सहल बिन साद (रज़िअल्लाहु अन्हु) से रिवायत है कि अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया कि स्वर्ग में एक द्वार है जिसे रय्यान कहा जाता है। क़यामत के दिन रोज़ादार उससे दाखिल होंगे और उनके सिवा इस द्वार से कोई और दाख़िल न होगा। कहा जाएगा ‘रोज़ा रखने वाले कहाँ हैं? तो वे खड़े होंगे, उनके सिवा कोई और उसमें प्रवेश न कर सकेगा और जब वे प्रवेश कर लेंगे तो द्वार बन्द कर दिया जाएगा। फिर कोई और इससे होकर प्रवेश नहीं कर पाएगा।

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