नोएडा के सेक्टर-62 स्थित फोर्टिस अस्पताल के डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगा है। परिजनों का आरोप है कि पैर में चोट लगने के बाद मरीज को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वहां डॉक्टरों ने पैर की बजाय हार्ट का आपरेशन कर दिया। इससे मरीज की मौत हो गई। इसकी जानकारी मिलते ही परिजनों ने अस्पताल में हंगामा किया। इसके बाद कोतवाली सेक्टर-58 पुलिस मौके पर पहुंची। परिजनों को समझा कर शांत कराया गया।
परिजन रेखा ने बताया कि उनके ससुर दिनेश सक्सेना शनिवार रात को बेड से गिर गए थे। इससे उनके पैर में फैक्चर हो गया था। इसके लिए शनिवार को ही परिजन उनको फोर्टिस अस्पताल लेकर आए। वहां डॉक्टरों ने उनको भर्ती कर लिया।
दो बार पहले भी हो चुकी है एंजियोप्लास्टी
आरोप है कि पैर की सर्जरी करने से पहले डॉक्टरों ने मरीज की एंजियोग्राफी जांच कराई। इसके बाद एंजियोप्लास्टी कर दी। जबकि पहले भी दो बार मरीज की एंजियोप्लास्टी हो चुकी है। इस दौरान पैर का आपरेशन नहीं किया गया। परिजनों ने आरोप लगाया कि मरीज की मौत गलत आपरेशन के कारण हुई है। डॉक्टरों ने उनसे इस बात को छिपाया।
मामले में फोर्टिस अस्पताल प्रबंधन ने बताया कि हिप फ्रैंक्चर की शिकायत पर मरीज को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उसे हार्ट, डायबिटीज के साथ सी ओपीडी की बीमारी थी। इसलिए अन्य बीमारी से पहले इसका इलाज शुरू किया गया। हार्ट का आपरेशन नहीं किया गया।
राजस्थान में रहता है परिवार
बताया गया कि दिनेश कुमार सक्सेना (66) जयपुर के निवासी थे। वहां डॉक्टरों की हड़ताल की वजह से परिजन इलाज के लिए नोएडा लेकर आए थे। उनके बेटे शुभम ने बताया कि बुधवार सुबह तक उनकी हालत ठीक थी। शाम करीब साढ़े चार बजे जब उनके पिता आईसीयू पहुंचे तो वो अचेत थे। लेकिन किसी ने इसकी जानकारी नहीं दी। जब डॉक्टरों से पूछा तो उन्होंने पांच बजे मौत की जानकारी दी।
शव लेने से किया था इनकार
परिजनों ने 112 नंबर पर पुलिस को इसकी जानकारी दी। मौके पर पहुंची थाना सेक्टर-58 पुलिस पहुंची। परिजनों ने शिकायत देकर उनसे अस्पताल पर कार्यवाही की मांग की। हंगामा किया पुलिस ने परिजनों को समझाया।