केंद्र की मोदी सरकार ने शुक्रवार को बड़ा फैसला किया है. सरकार ने गरीबों को मुफ्त दिये जाने वाले अनाज की अवधि एक और साल के लिए बढ़ा दी है. केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कैबिनेट बैठक की जानकारी देते हुए बताया कि सरकार ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत देश के 80 करोड़ से ज्यादा लोगों को मिलने वाले मुफ्त राशन को एक साल के लिए आगे बढ़ा दिया है.
कैबिनेट फैसले की जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने बताया कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत गरीबों को मुफ्त राशन देने पर करीब दो लाख करोड़ रुपये की लागत आएगी, इसका बोझ केंद्र सरकार उठाएगी.
मालूम हो कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना मार्च 2020 में शुरू की गई थी. इसके तहत राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम यानी एनएफएसए में शामिल लगभग 80 करोड़ लाभार्थियों को प्रति व्यक्ति प्रति माह पांच किलो खाद्यान्न मुफ्त दिया जा रहा है. इससे गरीब परिवारों को कोविड महामारी की वजह से लागू Lockdown के दौरान काफी मदद मिली थी.
‘रक्षा कर्मियों को भी तोहफा’
एक अन्य कैबिनेट फैसले में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने रक्षाबलों के कर्मियों एवं परिवार पेंशनधारकों के लिये ‘वन रैंक, वन पेंशन’ (OROP) के प्रावधानों में संशोधन के प्रस्ताव को शुक्रवार को मंजूरी दे दी. सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने इसकी जानकारी दी. ठाकुर ने बताया कि इसका लाभ परिवार पेंशनधारकों के साथ युद्ध में शहीद होने वाले जवानों की विधवाओं एवं दिव्यांग पेंशनधारकों को भी मिलेगा.
उन्होंने बताया कि इसके कारण सरकारी कोष पर प्रति वर्ष 8450 करोड़ रुपये का भार पड़ेगा. ठाकुर ने कहा कि इसे एक जुलाई, 2019 से लागू किया जाएगा. मंत्री ने बताया कि इसके तहत जुलाई 2019 से जून 2022 तक की अवधि का एरियर या बकाया भी दिया जायेगा, जिसके मद में 23,638.07 करोड़ रुपये की राशि बनती है. उन्होंने कहा इसका लाभ सभी रक्षा बलों से सेवानिवृत होने वाले और परिवार पेंशनधारकों को मिलेगा.