फतेहपुर। धरती के भगवान कहे जाने वाले डॉक्टरों के मानवीय रूप मरीज़ की जान बचाने के दौरान अस्पतालों में अक्सर देखने को मिलता रहते हैं लेकिन जनपद के जिला चिकित्सालय में तैनात डॉक्टर ने गंभीर रूप से बीमार मरीज़ के इलाज के दौरान मृत्यु होने के बाद परिवार की अंतिम संस्कार के लिए आर्थिक मदद कर मानवता की बेशमीकमती मिसाल पेश की। डॉक्टर के इस मानवीय रूप की हर कोई सराहना कर रहा है।
शहर के पथरकटा चौराहा निवासी प्रेमा देवी 60 वर्ष कैंसर रोग से ग्रसित थी। गंभीर हालत में परिजनों ने उन्हें इलाज के लिये सदर अस्पताल में भर्ती कराया था। मरीज़ की गंभीर हालत को देखते हुए जिला अस्पताल में तैनात चिकित्सकों ने हैलट कानपुर के लिये रिफर कर दिया था। जहां से उन्हें एसपीजीआई लखनऊ ले जाने के लिये कहा गया। मरीज़ों के परिजन आर्थिक स्थिति को देखते हुए एक बार फिर से जिला चिकित्सालय ले आये जहां डॉक्टर अदिति श्रीवास्तव ने इलाज शुरू किया। इसी बीच प्रदेश के डिप्टी सीएम व स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक के जनपद दौरे पर आये और मरीज़ को बेहतर इलाज दिलाने के लिये स्वाथ्य विभाग के अफसरों को निर्देश भी दिया था। पहले से ही गंभीर प्रेमा देवी का गुरुवार को इलाज के दौरान निधन हो गया। मरीज़ की मौत होने के बाद अस्पताल कर्मियों के बार-बार कहने के बाद भी परिजन शव को नहीं ले जा रहे थे। जिसको लेकर शंका हुई और ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर अदिति श्रीवास्तव तक बात पहुँची तो उन्होंने मौके पर पहुँचकर परिजनों से जानकारी हासिल की। शव के अंतिम संस्कार के लिये रुपये न होने की बात कहते हुए परिजनों की आंखों से आंसू छलक पड़े। परिजनों की व्यथा सुनकर माहौल भी गमगीन हो उठा। तभी धरती के भगवान कहे जाने वाले डॉक्टर ने परिजनों को आठ हजार रुपये की आर्थिक मदद देकर अपना मानवीय रूप दिखाया। डॉ. अदिति श्रीवास्तव की इस दरियादिली पर सीएमएस पीके सिंह, सीएमओ सुनील भारतीय समेत चारों ओर जमकर प्रशंसा की जा रही है।