अल्पमानदेय में बहुद्देशीय कर्मी की भांति काम करने को मजबूर हैं आगनबाड़ी कार्यकत्री शासन के निर्देश के बाद भी नहीं हो रहा अमल
सल्तानपुर। शासन की ओर से पत्र जारी करने के बाद भी बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग में कार्यरत आंगनबाड़ी कार्यकत्री/सहायिकाओ को विभागीय कार्य के अतिरिक्त कई काम करने पड़ रहे हैं। अल्पमानदेय में बहु उद्देशीय कर्मी की भांति काम करने को आंगनबाड़ी के कर्मी मजबूर हैं।
विभागीय कार्य के अलावा अन्य काम नही लिए जाने के आदेश के बाद भी आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों और सहायिकाओं से निर्वाचन आदि सबंधी अन्य कार्य करवाये जा रहे हैं। निर्वाचन में बीएलओ बनाकर उनसे जो काम कराया जा रहा है उसको भी वह समय से पूरा नही कर पा रही है। बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग में कार्यरत कार्यकत्री व सहायिका को तीन से छः साल के बच्चों को घर से बुलाकर पढ़ाना,अपने क्षेत्र की गर्भवती महिलाओं का सर्वे, नियमित टीकाकरण, कुपोषित बच्चों का सर्वे, हर रविवार को पीएचसी पर स्वास्थ्य मेले में जाकर ड्यूटी करना पड़ता है। इतने काम के बदले मामूली मानदेय दिया जाता है। इन सबके बाद निर्वाचन विभाग का भी काम इनको सौंप दिया गया। बीएलओ बनाकर मतदाता सूची में घर घर जाकर नाम घटाना, बढ़ाना, संशोधन करना, आधार लिंक करना आदि कार्य इनसे लिया जाने लगा। समय समय पर इनके संगठन ने निर्वाचन सम्बन्धी कार्य से पृथक करने के लिए सरकार से गुहार लगाई।सुनवाई न होने पर बाराबंकी की मनीषा कन्नौजिया व अन्य महिलाओं ने उच्च न्यायालय की शरण ली जिस पर नौ नवम्बर 2022 को आदेश हुआ व उसी आदेश के क्रम में बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग की निदेशक सरनीत कौर ब्रोका द्वारा 21 दिसम्बर 2022 को सभी जिलाधिकारी को पत्र जारी किया गया कि इनको निर्वाचन सम्बन्धी ड्यूटी व गैर विभागीय कार्य में न लगाया जाए। इस पत्र को जारी हुए चार माह होने को हैं फिर भी प्रशासन व विभाग द्वारा उस पर अमल नही किया जा रहा है। यही नही ये लोग अपने ऊपर अधिक कार्य भार हो जाने से बीएलओ पद की भी जिम्मेदारी सही से निर्वहन नही कर पा रही हैं। जिससे उनको बैठकों में फटकार का सामना करना पड़ता है।