फतेहपुर। मुस्लिम समाज में रमज़ान के महीना का बहुत बड़ा मर्तबा है। इस महीने में की गई हर एक इबादत व नेकी का सवाब 70 गुना मिलता है। प्रत्येक मुसलमान पर अल्लाह तआला ने रोजे फर्ज किए हैं। जहां घर के बड़े रोजा रख रहे हैं वहीं बच्चे भी अपने परिवार वालों को देखकर रोजा रखने की जिद कर रहे हैं। सोमवार को शहर के दक्षिणी मुराइनटोला मुहल्ले में एक ग्यारह वर्षीय लड़की ने पहला रोजा रखकर अल्लाह की इबादत की। परिवार वालों के साथ-साथ मुहल्लेवासियों ने उसे मुबारकबाद पेश की।
भीषण गर्मी के बीच चल रहे माहे रमज़ान के रोज़े रखने में बच्चे क्या बड़े-बड़ों के हौसले पस्त हो जाते है। अगर हौसला देखना है तो देखिए सदर कोतवाली क्षेत्र स्थित दक्षिणी मुराइनटोला मोहल्ला निवासी मो. दिलशाद की पुत्री आलिया फातिमा ने ग्यारह वर्ष की उम्र में परिवार वालों के नक्शेकदम पर चलते हुए इस तपिश भरी गर्मी में प्यास और भूख की शिद्दत पर काबू पाते हुए माहे रमज़ान का आज अपना पहला रोज़ा मुकम्मल किया। रोज़ा इफ्तार के समय परिवार वालों ने आलिया को सजा कर फूलों का हार गले में डाल कर पहला रोज़ा मुकम्मल करने पर उपहार भेंट किए। उधर मुहल्लेवासियों ने भी मुबारकबाद दिया। इस खुशी के मौके पर रिश्तेदारों व मोहल्ले के लोगो ने भी शिरकत कर बच्चों की हौसला अफजाई किया।