तपिश से लोग बेहाल, मार्गों में पसरा रहता सन्नाटा – गर्मी से राहत पाने के उपाय ढूंढ़ रहे लोग – धूप की तपिश से नौनिहाल बच्चों के गाल हो रहे लाल
फतेहपुर। चालू माह में ही सूरज की तपिश ने लोगों को बेहाल कर दिया है। दिन के समय चलने वाले लू के थपेड़ों के कारण आम जनमानस का घरों से निकलना मुश्किल हो रहा है। दोपहर की तेज धूप होने व लू चलने के कारण अधिकतर लोग अपने जरूरी कामों को सुबह व शाम निपटाकर दोपहर में कूलर व एसी में दुबकने की मजबूर हो गए हैं, जबकि बीच दोपहर जरूरी कार्यों से घरों से निकलने वाले लोग छाते, कैप व गमछा का सहारा लेकर चेहरे को ढकने को मजबूर हैं।
गर्मी बढ़ने के कारण अपराह्न एक बजे के बाद से ही सड़कों पर सन्नाटा जैसा छाने लगा है। लोग गन्ने के जूस, बेल का शर्बत, तरबूज, खीरा व ककड़ी जैसे फलों का प्रयोग कर गर्मी से राहत पाने के उपाय ढूंढ़ रहे हैं। दोपहर के समय स्कूलों की छुट्टी होने के बाद नौनिहाल बच्चे जब सड़क पर आते हैं तो उनके गाल भी लाल हो जाते हैं और बेचारे अंगौछा व स्कार्फ के सहारे घरों के लिए रवाना होते हैं। रास्ते भर अपनी पानी की बोतल से गला तर करते हुए देखे जाते हैं। वहीं अचानक मौसम में आए परिवर्तन के कारण ग्रामीण क्षेत्रो में संक्रामक बीमारियों ने अपने पैर पसारने शुरू कर दिए हैं। जिला अस्पताल में मरीजों की संख्या में इजाफा भी शुरू हो गया है। स्वास्थ्य विभाग ने अब तक इस दिशा में कोई कारगर कदम नहीं उठाए हैं। जिससे आने वाले समय में स्थिति और भी भयावह होने के आसार हैं। जिला चिकित्सालय के अलावा खागा तहसील के हरदो, बिंदकी, जहानाबाद, हुसैनगंज, सामुदायिक केंद्र असोथर, बहुआ, गाजीपुर, तेलियानी आदि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर संक्रामक बीमारियों से निपटने के कोई खास व्यवस्था नहीं की गई है। अस्पतालों में न तो पर्याप्त संसाधन है और न ही स्टाफ। आम आदमी जहां अप्रैल माह में अभी से ही पड़ रही गर्मी की भीषकता के आगे बेहाल दिखाई दे रहा है। जबकि अभी अप्रैल माह का तीसरा सप्ताह ही चल रहा है। मई, जून जैसे भीषण गर्मी के दो माह अभी और आना बाकी हैं। जिसे सोचकर ही लोग गर्मी से पनाह मांग रहे हैं।