भवानी पुरवा मौरंग खदान में रात अंधेरे में हो रहा अवैध खनन – जिम्मेदार मौन

 

मुन्ना बक्श ब्यूरो चीफ 

बांदा। जिले की भवानी पुरवा मौरंग खदान में अवैध खनन जारी है पट्टा क्षेत्र की मोरम खत्म होने के बाद भी खनन हो रहा है। रात के अंधेरे में अपने पट्टा क्षेत्र के सामने से अवैध खनन कर रहे बालू माफिया। सूत्रों के मुताबिक खनिज अधिकारी की सांठगांठ से हो रहा है अवैध खनन। भवानी पुरवा का पट्टा करवाकर माधौपुर और दुरेडु से बालू निकाल रहे हैं मोरंग माफिया । रात के अंधेरे में माफियाओं की गरजती है भारी-भरकम पोकलेन मशीनें। नदी किनारे बारी लगाकर गुजर-बसर कर रहे किसान परेशान हैं। उनकी फसल को नष्ट कर अवैध खनन किया जा रहा है गौरतलब हो कि भवानी पुरवा मौरंग खदान इन दिनों चर्चा में है जिसकी खबर मीडिया में हर रोज प्रकाशित हो रही है। लेकिन कोई अधिकारी संज्ञान में नहीं रहा है। मीडिया मैनेजमेंटर (दलाल) का दावा है की कोई कितना भी खबर चलाए मगर हमारे खंड में किसी अधिकारी/कर्मचारी की हिम्मत नहीं जो खदान में कार्यवाही करने आएगा । क्यों भवानी पुरवा मौरंग खदान में खनिज अधिकारी खुद संलिप्त बताए जा रहे हैं। बालू माफियाओं पर शिकंजा कसने वाली आईएएस अधिकारी (डीएम) दुर्गा शक्ति नागपाल के शक्ति के बावजूद बालू माफिया अवैध खनन कर अपनी तिजोरियां भर रहे हैं। लाल सोने की लूट में कोई अधिकारी अछूत नहीं रहे। शायद इसी का नतीजा है कि जिले के किसी जिम्मेदार अधिकारी के कान में जूं तक नहीं रेंग रही है। आखिर भवानी पुरवा की मौरंग खदान में क्यों जिले के अधिकारी जाने से कतराते हैं। आखिर भवानी पुरवा मौरंग खदान संचालक को किसका संरक्षण प्राप्त है। ऐसे में सवाल उठता है कि इन बेखौफ बालू माफियाओं पर कौन नकेल डालेगा।

गत दिनों अछरौड की मौरंग खदान में जिले के अधिकारी/कर्मचारियों के द्वारा खदान का निरीक्षण किया गया था जिसमें बड़े पैमाने पर अवैध खनन पाया गया और नतीजा यह आया कि खदान संचालक पर लगभग 52 लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया। और खदान का संचालन ठप हो गया। देखना दिलचस्प होगा कि जिले की भवानी पुरवा मौरंग खदान में अवैध खनन पर कार्यवाही कब होती है। या कार्यवाही नाम पर होगी रस्म अदायगी।

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