पीएम केयर्स फंड में सरकारी कंपनियों ने 2,913 करोड़ रुपये दिए: रिपोर्ट

 

पीएम केयर्स फंड को लिस्टेड कंपनियों की ओर से दिए दान में सरकारी कंपनियों का योगदान ज्यादा रहा है। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) में लिस्टेड कंपनियों पर नजर रखने वाली फर्म प्राइमइन्फोबेस डॉट कॉम के आंकड़ों के विश्लेषण से पता चलता है कि पीएम केयर्स में सरकारी कंपनियों ने करीब 2,913.6 करोड़ रुपए दिए।

बिजनेस स्टैंडर्ड ने ऐसी 57 कंपनियों की पहचान की, जिनमें सरकार की बड़ी हिस्सेदारी है। दान की कुल रकम 4,910.5 करोड़ रुपए (सरकारी और निजी कंपनियां) में सरकारी कंपनियों का योगदान 59.3% रहा।

इन 57 कंपनियों में से शीर्ष 5 कंपनी ओएनजीसी (370 करोड़ रुपए), एनटीपीसी (330 करोड़ रुपए), पावरग्रिड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (275 करोड़ रुपए), इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (265 करोड़ रुपए) और पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन (222.4 करोड़) हैं।

कोरोना महामारी के चलते मार्च 2020 में यह फंड बनाया गया था, जो शुरुआत से ही विवादों में रहा। 28 मार्च को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पीएम केयर्स फंड का ऐलान किया था, ताकि कोरोना से लड़ने के लिए लोग अपनी इच्छा से डोनेट कर सकें। लेकिन, तीन दिन बाद ही 1 अप्रैल को ही एक आरटीआई दाखिल हुई, जिसमें इस फंड से जुड़ी सभी जानकारी मांगी गई।

आरटीआई दाखिल होने के बाद 30 दिन के भीतर ही उसका जवाब देना जरूरी है। लेकिन, यहां इसमें भी देरी हुई। 29 मई को पीएमओ ने इसका जवाब देते हुए कहा कि ‘पीएम केयर्स फंड पब्लिक अथॉरिटी नहीं है, लिहाजा इसकी जानकारी नहीं दी जा सकती।’ वहीं, राहुल गांधी तो इसका ऑडिट करवाने की मांग तक कर चुके हैं।

बता दें कि पीएम केयर फंड के चेयरमैन प्रधानमंत्री हैं, जबकि इसके ट्रस्ट में रक्षामंत्री, गृहमंत्री और वित्तमंत्री शामिल हैं। जनवरी 2023 में केंद्र सरकार की ओर से दिल्ली हाईकोर्ट में पेश एक रिपोर्ट के अनुसार यह फंड पर भारत सरकार का कंट्रोल नहीं है। इस ट्रस्ट को सरकार से धन नहीं मिलता।

पीएम केयर्स फंड को व्यक्तियों और अन्य संगठनों से भी दान मिलता है। साल 2019-20 में कुल 3,076.6 करोड़ रुपए मिले। साल 2020-21 में यह रकम बढ़कर 10,990.2 करोड़ रुपए हो गई थी।

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