भवानी पुरवा बालू खदान का पट्टा, दुरेडी का सरपट़्टा

 

मुन्ना बक्श ब्यूरो चीफ 

बांदा। खनन माफिया जिलाधिकारी के सख्त तेवरों के बावजूद ओवरलोडिंग /अवैध खनन करने से बाज नही आ रहे हैं। बीते दिनों जिलाधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल ने ओवरलोडिंग की मिल रही शिकायतों को लेकर कड़ा रूख अपनाया था और जिला प्रशासन की संयुक्त टीम बनाकर इस पर कार्रवाई के निर्देश दिए थे। कार्रवाई के चलते लगभग 50 ओवरलोड ट्रकों के विरूद्ध कार्रवाई की गयी थी। शहर कोतवाली क्षेत्र के भवानीपुवा खदान संचालक नियमों को ताक पर रखकर अपनी सीमा क्षेत्र के बाहर दुरेडी. से खनन कर धड़ल्ले से ओवरलोडिंग व प्रतिबंधित मशीनों का प्रयोग कर नदी की जलधारा मे खनन कार्य करने से बाज नही आ रहे हैं। ग्रामीणों को लाठी व असलहों की दम पर धमकाया जाता है। इसके अलावा सैकड़ों की तादाद मे ट्रकों के झुंण्ड से धूल का गुबार उड़ता है। इससे फसलों पर तो प्रतिकूल प्रभाव पड़ता ही है साथ ही प्रदूषण के चलते आस-पास के ग्रामीण बीमारी के शिकार हो रहे हैं। भवानी पुरवा खदान के संचालक एनजीटी के नियमों और प्रशासनिक नियमों व शक्तियों को दर किनार कर दबंगई के बल पर दिन-रात बिना रोक-टोक बालू खनन का कार्य बदस्तूर कर रहे हैं। जिला प्रशासन की लाख कोशिशों के बाद मानक के विपरीत खदान से ही ट्रकों मे ओवरलोडिंग का खेल जारी है जबकि ओवरलोडिंग के मामले पर सख्त निर्देश हैं कि यदि खनन खदान क्षेत्र से ही ओवरलोड ट्रक निकलते पाए गये तो इसके लिए पट्टाधारक भी जिम्मेदार होंगे। इसे रोकने के लिए हाईफ्रीक्वेंसी पीजेड सीसीटीवी कैमरे लोडिंग प्वांइट, प्रवेश और निकासी के साथ ओवरलोडिंग को रोकने के लिए भार माप कांटे का प्रयोग करना अनिवार्य किया गया है लेकिन इसके विपरीत अधिकांश खनन पट्टा क्षेत्रों मे सीसीटीवी कैमरे और भार मापन कांटा केवल दिखावा साबित हो रहे हैं। शाम होते ही प्रतिबंधित भारी मशीनें नदी की जलधारा से रात भर बालू निकालने का काम कर रही हैं। इस अवैध खनन के चलते जलधारा पर तो विराम लग ही रहा है साथ ही जलीय जीव-जन्तुओं पर भी इसका बुरा असर पड़ रहा है। अवैध खनन से राजस्व को चूना लगा रहे बालू माफिया और जिले के आला अफसर अपने आफिस/कमरे में एसी का लुफ्त उठा रहे हैं।

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