फतेहपुर। पच्चीस साल पहले धान की बेड़ को लेकर हुई रंजिश में बाप-बेटे की हत्या के एक मामले में अपर सत्र न्यायालय प्रथम के न्यायाधीश अखिलेश कुमार पांडेय की अदालत ने आधा दर्जन अभियुक्तों को उम्रकैद की सजा सुनाई है। वहीं आरोपियों पर एक लाख चालीस हज़ार का जुर्माना भी ठोका है। अर्थदंड की राशि अदा न करने पर अभियुक्तों को अतिरिक्त सजा भी भुगतने के आदेश दिए हैं।
अभियोजन रहस बिहारी श्रीवास्तव व जितेंद्र बहादुर सिंह ने संयुक्त रूप से बताया कि 16 जुलाई 1998 की रात मलवां थाना क्षेत्र के बकोली गांव निवासी विशेषर सिंह और उसका बेटा भानु प्रताप सिंह के साथ दो अन्य लोग अपने घर के बाहर छप्पर के नीचे बैठकर आपस मे बातचीत कर रहे थे। तभी अचानक रात करीब नौ बजे गांव के राजू उर्फ राजेन्द्र शुक्ला, महेश उर्फ पप्पू, मुन्ना उर्फ राजेश शुक्ला, भोने उर्फ जयप्रकाश, टिर्रा उर्फ रामप्रकाश, गोला उर्फ गुड्डू सहित छह लोग आए और ललकारते हुए ताबड़तोड़ फायरिंग कर बाप-बेटे को मौत के घाट उतार दिया। दूसरे दिन भानु प्रताप के बेटे विनय सिंह ने घटना की तहरीर स्थानीय थाने में देकर हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था। मामले की विवेचना सीबी-सीआईडी ने करते हुए अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया था। शुक्रवार को मामले की अंतिम सुनवाई के दौरान अभियोजन की ओर से पांच गवाह पेश किए गए गवाहों और सबूतों के आधार पर न्यायाधीश ने घटना का दोषी करार देते हुए यह फैसला सुनाया है।