प्रत्याशियों को जिताने के लिए कर, बल, छल की नीति अपना रहे जिम्मेदार – बुधवार की देर रात तक गुप्त कार्यक्रमों के जरिये लगाई जुगत

फतेहपुर। नगर निकाय चुनाव को लेकर सभी राजनीतिक दलों के जिम्मेदार अपने प्रत्याशियों को जिताने के लिये कर, बल, छल की नीति अपना रहे हैं। बृहस्पतिवार चार मई को होने वाले मतदान को लेकर प्रत्याशी व उनके समर्थक पूरी तरह से सजग हैं। हर प्रत्याशी का चुनाव संचालन करने वाले अगुवा ने कई तरह की कमेटियां बना कर अंतिम रात में पूरी ताकत झोंक दी। मतदाताओं को प्रलोभन देकर अपने पाले में लाने की कवायदें भी कम नहीं हो रहीं हैं।
बुधवार की रात प्रत्याशियों के लिये कत्ल की रात जैसी है। एक-दूसरे प्रत्याशी की निगरानी और उनके गुप्त कार्यक्रमों की जानकारी ही हासिल करने की जुगत ही नहीं लगा रहे, बल्कि एक-दूसरे में मतों में सेंधमारी की योजनाएं अमल में लाई जा रही हैं। जिले की दो नगर पालिका परिषदों और आठ नगर पंचायतों के लिये कल यानि बृहस्पतिवार की सुबह से मतदान होना है। हर दल अपने प्रत्याशी के सिर पर अध्यक्ष का ताज संवारने को लेकर व्यापक रणनीतियों पर अमल कर रहा है। मतदाताओं को मतदान के लिये घर-घर नाम की पर्चियां तो पहुंचा ही दी गई हैं। अब उनको सुबह से घर से ले जाकर मतदान केन्द्र तक पहुंचाने और अपने पक्ष में मतदान कराने के लिये मोहल्लों में नौजवानों की टीमें लगा दी गई हैं, जो रात की निगरानी के साथ ही सुबह से मतदाताओं को अपने पंसदीदा पार्टी प्रत्याशी के पक्ष में मतदान कराने की कवायदें करते देखे जा रहे हैं। फिलहाल जिले में इस बार कहीं भी हिंदू-मुस्लिम के तौर पर चुनाव देखने को नहीं मिल रहा है, जिससे सभी राजनीतिक दल सकते हैं। सदर नगर पालिका परिषद भाजपा के उठते ग्राफ को दो दिन से ग्रहण जैसा लग गया है। सूत्र बतातें हैं कि एक पार्टी प्रत्याशी के जुलूस को बाकरगंज में रोक कर की गई पुलिसिया कार्रवाई ने चुनावी परिदृश्य को ही बदल कर रख दिया है। अधिकर नगर पंचायतों व नगर पालिका परिषदों में चुनाव सपा व भाजपा के बीच होने के आसार प्रबल हैं। राजनीति का ऊंट किस करवट बैठेगा यह तो आने वाला समय बतायेगा, लेकिन इतना तय है कि सत्तारूढ़ दल की अंतिम दिन तक मुसीबतें कम नहीं हो सकीं हैं।

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